गोरखपुर:मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित होने वाले परम्परागत खिचड़ी मेले की तैयारी पूर्ण हो चुकी है. इस अवसर पर शिवावतार बाबा गोरखनाथ जी को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाने के लिए आने वाले श्रद्धालुजनों की सुविधा एवं सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जा रहा है. मंदिर के प्रधान पुजारी बाबा कमलनाथ ने कहा है कि इस वर्ष शुभ विक्रम संवत् 2078 शक 1943 पौषमास शुक्लपक्ष दिनांक 14 जनवरी 2022 द्वादशी तिथि दिन शुक्रवार को रात्रि समय 8 बजकर 49 मिनट पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहा है. इसलिए इस वर्ष मकर संक्रांति का महापर्व निर्विवाद रूप से 15 जनवरी 2022 को मनाया जाएगा.
उन्होंने बताया कि धनु राशि से मकर राशि में संक्रमण ही मकर संक्रांति कहलाता है. इस तिथि को जगत्पिता भगवान सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करते हैं. इसलिए हर प्रकार के मांगलिक एवं पुण्य कार्य इस पवित्र तिथि से प्रारम्भ हो जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान का महत्व शास्त्रों में विशेष रूप से वर्णित है, जिसमें चावल, घी, कम्बल, सुवर्ण, गौ आदि प्रमुख है.
इस महापर्व को विभिन्न प्रान्तों में खिचड़ी, मकर संक्रांति, पोन्गल, लोहड़ी आदि नामों से मनाया जाता हैं. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन शिवावतार भगवान गोरखनाथ जी को अपनी पवित्र खिचड़ी चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामना की पूर्ति करते हैं. लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुजनों की सुरक्षा एवं सुविधा का विशेष ध्यान रखते हुए पूरी तैयारी मंदिर में की गई है.
योगी कमलनाथ ने बताया कि गोरखपुर में मकर संक्रांति पर्व परम्परागत रूप से 14 जनवरी को आम श्रद्धालुजन द्वारा मनाता जाता है. इस तिथि पर दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. इस दृष्टि से 13 जनवरी दोपहर बाद से ही आने वाले श्रद्धालुओं के परिसर में रुकने की व्यवस्था इस भीषण शीतलहरी में गोरखनाथ मन्दिर परिसर स्थित धर्मशाला और अन्य स्थलों पर की गई है. मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी चढ़ाने वाले श्रद्धालुजन सुविधापूर्वक भगवान गोरखनाथ जी का दर्शन कर सके, इसके लिए बेरीकेडिंग का कार्य पूरी तरह से पूर्ण हो चुका है.