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गोरखपुर: मकर संक्रांति पर 'बाबा गोरखनाथ' में पहली खिचड़ी चढ़ाएंगे CM योगी - गोरखपुर ताजा खबर

यूपी के गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर स्थित बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा युगों से चली आ रही है. सीएम योगी 15 जनवरी को सुबह 4 बजे गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी चढ़ाएंगे. इसके लिए मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है.

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मकर संक्रांति पर 'बाबा गोरखनाथ' में पहली खिचड़ी चढ़ाएंगे CM योगी.

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Published : Jan 14, 2020, 12:56 PM IST

गोरखपुर:मकर संक्रांति के पर्व पर गोरखनाथ मंदिर स्थित बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत मंदिर के पीठाधीश्वर और प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे. वह 15 जनवरी की सुबह 4 बजे गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी चढ़ाएंगे. युगों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वाह करने के लिए सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर पहुंच चुके हैं और पूरी व्यवस्था की निगरानी भी कर रहे हैं. योगी के बाद दूसरी खिचड़ी नेपाल राज परिवार की चढ़ेगी. फिर शुरू होगा श्रद्धालुओं की खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला जो देर शाम तक चलता रहेगा. श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है.

मकर संक्रांति पर 'बाबा गोरखनाथ' में पहली खिचड़ी चढ़ाएंगे CM योगी.

युगों से चली आ रही है गोरखनाथ में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा
मकर संक्रांति पर बाबा गोरखनाथ के दरबार में खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा युगों पुरानी है, जिसका इतिहास त्रेता युग से जुड़ा है. इसका निर्वहन मंदिर प्रबंधन और यहां के पीठाधीश्वर पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ करते चले आ रहे हैं. इस अवसर पर लाखों श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने पहुंचते हैं, तो उनके आने को लेकर मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन मिलकर सभी तैयारियों को अंजाम देता है. यातायात मार्ग में भी परिवर्तन किया गया जाता है.

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गोरखनाथ मंदिर में 15 जनवरी को सीएम योगी चढ़ाएंगे खिचड़ी
गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन के सचिव द्वारका तिवारी ने बताया कि 15 जनवरी को योगी आदित्यनाथ पहली खिचड़ी चढ़ाएंगे साथ ही सारी तैयारियों को पूर्ण कर लिया गया है. इसके बाद श्रद्धालु जन भी खिचड़ी चढ़ाना शुरू करेंगे. मान्यता है कि त्रेता युग में गोरक्षनाथ भिक्षा मांगते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की मशहूर ज्वाला देवी मंदिर गए. सिद्ध योगी को देखकर ज्वाला देवी प्रकट हुईं और उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित किया. इसपर गोरखनाथ ने यह कहकर इंकार कर दिया कि वह सिर्फ भिक्षा मांगकर ही भोजन करते हैं.

ये है मान्यता
देवी ने कहा कि फिर आप भिक्षा मांगकर लाइए और हम भोजन बनाएंगे. जिसके बाद गुरु गोरक्षनाथ भिक्षा मांगते हुए गोरखपुर चले आए. यहां उन्होंने अपना भिक्षा पात्र रख दिया और साधना में लीन हो गए. उसी दौरान जब मकर संक्रांति का पर्व आया तो लोग पात्र में चावल दाल डालने लगे. भीड़ बढ़ती गई पर पात्र नहीं भरा, जिसके बाद श्रद्धालु श्रद्धा से सिर झुकाने लगे और यह स्थान गुरु गोरक्षनाथ की तपोस्थली के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर लिया. आज पूरी दुनिया को मकर संक्रांति के अवसर पर यह स्थान एक बड़ा संदेश देने का काम करता है और लाखों श्रद्धालु यहां खिंचे चले आते हैं.

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