गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीटेक की छात्रा मानसी त्रिपाठी ने बड़ी सफलता हासिल की है. उन्होंने कबाड़ से जुगाड़ करके सस्ती और टिकाऊ ईंट बनायी है. इस ईंट के निर्माण में उन्होंने कबाड़ की शीशी-बोतलों का उपयोग किया है. शीशे और बोतल का चूरा बनाकर उसमें मिट्टी मिलाकर भट्ठे में पकाकर ईंट तैयार किया गया.
प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जनरल ने शोध पत्र को दी स्वीकृति
यह ईंट भार में हल्की है और कम पानी सोखती है. इसे बनाने में आम ईंटों की अपेक्षा 15% लागत भी कम आती है. खास बात यह है कि इसे शोध लैब में नहीं, बल्कि ईंट-भट्ठे पर तैयार किया गया है. शीशे के चूरे से तैयार की गयी ये ईंट काफी मजबूत और वजन में हल्की भी है. मानसी के इस शोध को सिफ्रजर पब्लिशिंग हाउस के एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जनरल ने परखने के बाद प्रकाशन की स्वीकृति भी दे दी है.
डॉ. विनय भूषण के निर्देशन में मानसी ने किया शोध कार्य पूर्ण
छात्रा मानसी त्रिपाठी ने स्वायल एंड फाऊंडेशन इंजीनियरिंग विशेषज्ञ डॉ. विनय भूषण चौहान के मार्गदर्शन में वर्ष 2020 में शोध कार्य पूर्ण किया. इस शोध में सफल होकर उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में एक नई उपलब्धि दर्ज की है. मानसी वर्तमान में आईआईटी बीएचयू से एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग में एमटेक कर रही हैं. उन्होंने सीएम योगी से मिली 'शोध की प्रेरणा' के बल पर अपने मुकाम को हासिल करने में सफलता प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि छात्रों को वर्तमान समय की सामाजिक चुनौतियों का समाधान इंजीनियरिंग एप्लीकेशन के माध्यम से करना चाहिए.