गोरखपुर:उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पिछले दो दशकों से बंद पड़ी सरैया चीनी मिल की जमीन पर भू-माफियाओं की नजर पड़ी है. कोरोना काल में भू माफिया आपदा को अवसर में बदलना चाहते है. ये आरोप चौरी चौरा के रहने वाले सपा नेता कालीशंकर यादव ने लगाया है. इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन व एसडीएम चौरी चौरा पवन कुमार को पत्र लिखकर भू माफियाओं पर कार्रवाई की मांग की है.
सरैया चीनी मिल की नीलामी 19 बार हुई असफल
गौरतलब है चौरी चौरा की सरैया चीनी मिल पर गन्ना किसानों व श्रमिको का करोड़ो (83 करोड़ रुपए से अधिक) बकाया होने व समय पर भुगतान न के कारण प्रशासन ने अधिग्रहण कर लिया है. प्रशासन सरैया चीनी मिल को अपने नीलाम कर गन्ना किसानों और श्रमिकों का भुगतान करना चाहता है. अब तक कुल 19 बार स्थानीय तहसील प्रशासन ने सरैया चीनी मिल को नीलामी की प्रक्रिया कराया है. लेकिन आज तक कोई भी बोली लगाने वाला नहीं आया. हालांकि 2019 में तत्कालीन एसडीएम त्रिवेणी प्रसाद वर्मा व तहसीलदार रत्नेश तिवारी की पहल पर सरैया चीनी मील के लिए बोली लगाने के लिए बड़े कारोबारी का प्रतिनिधि मंडल आया था, लेकिन घंटों बातचीत करने के बाद भी बात नहीं बनी थी. तब से कोई बोली लगाने वाला चौरी चौरा नहीं आया.
चौरी चौरा की सरैया चीनी मील आजादी के पहले की बनी हुई है. यह चीनी मिल पिछले दो दशक से अधिक समय से बंद पड़ी है. फिलहाल चीनी मिल व आसपास की जमीन प्रशासन ने अधिग्रहण कर लिया है. कोरोना काल की आपदा में भू-माफिया इसको अवसर के रूप में दिखाना चाहते हैं. इसलिए चीनी मील परिसर के अंदर लाल कोठी के बगल की जमीन को सरैया प्रबंधन समिति के लिए कार्य करने वाले लोगों से मिलकर उसको आबादी की जमीन बताकर लगभग 3 कट्ठा से प्लाटिंग करा दिया है. इसके अलावा सरैया चीनी मिल के चारों तरफ आसपास कई लोग अतिक्रमण पिछले कुछ वर्ष से करने में जुटे है. कोरोना काल के दौरान सपा नेता कालीशंकर को स्थानीय लोगों के मध्यम से जानकारी हुई तो उन्होंने भू-माफियाओं के इस कारनामे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.