गोरखपुर:पूर्वांचल के बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में गोरखपुर आजकल उभर रहा है. हालांकि कुशीनगर, गोरखनाथ मंदिर, गीता वाटिका, गीता प्रेस पहले से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं का बड़ा केंद्र रहा है, लेकिन योगी सरकार में इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई और आयाम गढ़े जा रहे हैं. रामगढ़ ताल तो इस समय सबसे अधिक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. यहां साउंड और लाइट शो के अलावा लोग बोटिंग का पड़ोसी जिलों से आकर लोग खूब आनंद ले रहे हैं, लेकिन इस सबके बीच यहां जो सबसे बड़ी कमी देखी जा रही है. वह पर्यटक गाइड और पर्यटक पुलिस की है जो कहीं नहीं दिखती. वजह यह हैं कि इसकी तैनाती की ओर किसी का ध्यान ही नहीं है जबकि इसकी शुरुआत खुद सीएम योगी ने वर्ष 2018 में किया था.
देखा जाए तो गोरखपुर में टूरिस्टो की आवाजाही भले ही कोविड-19 के दौर में थोड़ी कम हुई थी, लेकिन उसके बाद इसमें काफी इजाफा हुआ है. रामगढ़ ताल के नौकायन से लेकर गोरखनाथ मंदिर और चिड़ियाघर जैसी जगहों के लिए लोगों का मूमेंट बढ़ा है. ऐसे में जरूरी है कि पर्यटक कहीं भटके नहीं. वह सही दिशा निर्देश पर अपने मनचाही जगह पर पहुंच सके. इसके लिए टूरिस्ट गाइड और सुरक्षा की दृष्टि से टूरिस्ट पुलिस की तैनाती महत्वपूर्ण हो जाती है. इसको देखते हुए वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यटक पुलिस की तैनाती करने का न सिर्फ निर्देश दिया था बल्कि उसे अमल में लाने की बात कही थी, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से यह काम फिलहाल लटक गया है.
इस संबंध में जब गोरखपुर के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र मिश्रा से ईटीवी भारत ने बात किया तो उन्होंने बताया कि बढ़ते टूरिज्म को देखते हुए निश्चित रूप से इन दोनों बिंदुओं पर काम किया जाएगा. बहुत जल्द ही पर्यटक पुलिस और गाइड की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि पर्यटन पुलिस शहर के हर प्रमुख पर्यटन स्थल पर मौजूद रहेगी. उनके पास फ्लाइट, ट्रेन, बस और पर्यटन स्थलों की पूरी जानकारी होगी. पर्यटकों को अगर किसी प्रकार की दिक्कत होगी तो यह उनकी तत्काल मदद करेंगे. वहीं जो लोग इन पर्यटक स्थलों को घूमने के लिए आ रहे हैं. वह गाइड और पर्यटक पुलिस की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं. क्योंकि ऐसे केंद्रों की सुरक्षा डंडा वाले होमगार्डों के हवाले ज्यादा दिखाई दे रही है. सिविल पुलिस आती और जाती रहती है.