गोरखपुरः संक्रमण के प्रकोप से यजमानों को बचाने के लिए किन्नर महामंडलेश्वर किरणनन्द गिरी ने निराजल व्रत धारण किया. रविवार को अपने सहयोगी किन्नरों के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पीपीगंज के प्राचीन काली मंदिर में विधिविधान से पूजा-पाठ और हवन किया. इस दौरान उन्होंने कोरोना के प्रकोप से मुक्ति के लिए ईश्वर से कामना की.
विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति का दोहन
इस संबंध में उन्होंने कहा कि विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति के साथ हो रहे खिलवाड़ के चलते यह विपदा थमने का नाम नहीं ले रही है. कोविड-19 का समुचित और निश्चित इलाज शुरू न कर पाने के बाद सनातन धर्म के अनुसार ईश्वरीय शक्ति ही एक ऐसी शक्ति है, जो अब इस विपदा की घड़ी से उबार सकती है. प्राचीन काल से ही ऐसी आपदाओं से निजात के लिए यज्ञ, हवन पूजन का हमारे सनातन धर्म में बड़ा योगदान रहा है.