गोरखपुर: जिले की बांसगांव लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कमलेश पासवान सोमवार को नामांकन दाखिल कर सकते हैं. मीडिया में आई खबरों के अनुसार कमलेश पासवान ने अपने समर्थकों से अपील की है कि नामांकन में भारी संख्या में भाग लें. बता दें कि कमलेश पासवान तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं.
दरअसल, गोरखपुर की तरह ही जिले की दूसरी बांसगांव लोकसभा सीट भी भाजपा के लिए आसान मानी जाती रही है. आजादी के बाद से ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर पांच बार भाजपा का कब्जा रहा है. भाजपा के मौजूदा प्रत्याशी कमलेश पासवान इस बार जीत की हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतरे हैं. वह वर्ष 2009 व 2014 का पिछला दो लोकसभा चुनाव इसी क्षेत्र से जीत चुके हैं. इससे पहले वर्ष 1996 का लोकसभा चुनाव उनकी मां सुभावती पासवान ने जीता था, हालांकि उस समय वह समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी थीं.
गठबंधन से बसपा प्रत्याशी सदल प्रसाद से है मुकाबला
इस बार राजनीतिक हालात में थोड़ा बदलाव आया है. सपा-बसपा के मिलकर चुनाव लड़ने से मुकाबला कांटे का हो गया है. दोनों दलों के इस गठबंधन में बांसगांव सीट बसपा के कोटे में आई है. बसपा ने शुरुआत में यहां से दूधनाथ प्रसाद को टिकट दिया था. दूधनाथ इस क्षेत्र के लिए बाहरी थे और उनका पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सामंजस्य नहीं बन पा रहा था. संगठन स्तर से फीडबैक लेने के बाद बसपा ने उनकी जगह पूर्व मंत्री सदल प्रसाद को उम्मीदवार बना दिया. सदल प्रसाद पिछली बार भी बसपा के प्रत्याशी थे और दूसरे नंबर पर थे. इससे पहले वह बांसगांव (सु) विधानसभा से ही चुनाव जीतकर उस समय की बसपा सरकार में राज्यमंत्री बने थे. टिकट बदलने के बाद से ही क्षेत्र में यह चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि सदल प्रसाद के आने से यहां मुकाबला रोमांचक हो गया है.
सांसद को जिताने के लिए कार्यकर्ताओं ने झोंकी ताकत