गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमटीयू) में शिक्षण प्रविधि विषय पर एक सप्ताह के संकाय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन प्रदेश की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण ने ऑनलाइन किया. 16 मई तक चलने वाले इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह ने की. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की खासियत यह होगी की इसे ऑनलाइन माध्यम से ही संचालित किया जाएगा.
सूचना क्रांति के दौर में शिक्षा की गुणवत्ता जरूरी
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम भूमंडलीकरण और सूचना क्रांति के दौर में रह रहे हैं. ऐसे में अब तक चली आ रही अध्ययन-अध्यापन की पद्धति पर्याप्त नहीं होगी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों को लगातार अपने आप को समय की जरूरतों के हिसाब से ढालना होगा. वह न केवल स्वयं वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे, बल्कि विद्यार्थियों को भी सक्षम बना सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से पाठ्यक्रम एवं अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी.
कोविड-19 से सुरक्षित रहने की सलाह
उद्बोधन के अंत में उन्होंने सभी को कोविड-19 संकटकाल में स्वयं को सुरक्षित रखने और दूसरों को भी सुरक्षित रहने में मदद करने की अपील भी की. वहीं कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विवि की गतिविधियां ऑनलाइन माध्यम से संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों और शिक्षकों के हित में लगातार वेब संगोष्ठी, ऑनलाइन विशेषज्ञ व्याख्यान, प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को असुविधा न हो.
शिक्षा को बोझ समझना अहितकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन आईआईटी खड़गपुर में सेंटर फॉर एजुकेशनल टेक्नोलॉजी के प्रो. एसके दास मंडल ने एक्रीडिटेशन एंड आउटकम बेस्ड लर्निंग विषय पर व्याख्यान दिया. उन्होंने गुरुदेव टैगोर का जिक्र करते हुए कहा कि हम शिक्षा को बोझ की तरह ढो रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. कार्यक्रम के आरम्भ में कार्यक्रम संयोजक और एमएमएमटीयू के शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता प्रो. डीके द्विवेदी ने सभी का स्वागत किया, जबकि अंत में समन्वयक डॉ. संजय मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया.