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भारी तनाव के बीचे जवान धनंजय का हुआ अंतिम संस्कार, नम आंखों से दी गई विदाई

गोरखपुर के चौरी-चौरा में भारी तनाव के बीच सेना के जवान धनंजय के पार्थिव शरीर का शनिवार सुबह अंतिम संस्‍कार किया गया है.

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जवान का अंतिम संस्कार

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Published : Mar 26, 2022, 10:50 PM IST

गोरखपुर. जिले के चौरी चौरा में भारी तनाव के बीच सेना के जवान धनंजय के पार्थिव शरीर का शनिवार सुबह अंतिम संस्‍कार किया गया. धनंजय की अंतिम यात्रा में क्षेत्र के लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. जब तक सूरज चांद रहेगा, धनंजय तेरा नाम रहेगा और भारत माता की जय के उद्घोष के बीच पार्थिव शरीर का अंतिम संस्‍कार किया गया. इकलौते पुत्र होने की वजह से धनंजय के चचेरे भाई सोनू यादव ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.

जानकारी के मुताबिक धनंजय आर्मी एजुकेशन कोर हेड क्‍वार्टर 112 माउंटेन बिग्रेड यूनिट 4/5 जीआर सिक्किम एचआरडीसी छातन में तैनात थे. मंगलवार को ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई जबकि सेना द्वारा परिजनों को उनके सुसाइड करने की बात‍ बताई गई. इसके बाद परिजनों में चीख-पुखार मच गई. बताया जाता है कि शुक्रवार की शाम उनका शव गोरखपुर पहुंचने के बाद आक्रोशित भीड़ ने चौरीचौरा में ट्रेन रोकने के साथ भोपा बाजार में आगजनी और पत्‍थरबाजी करने के साथ ही चक्काजाम लगा दिया.

यही नहीं, पुलिस के एक दर्जन वाहनों को भी उपद्रवियों ने क्षतिग्रस्‍त कर दिया और आरोप लगाया कि धनंजय को वो सम्‍मान नहीं मिला जो सेना के जवान को मिलना चाहिए. मौके पर पहुंची कई थानों की पुलिस और पीएसी के जवानों ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर किया गया. आरोप है कि धनंजय को वो सम्‍मान नहीं मिला जो सेना के जवान को मिलना चाहिए.

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वहीं, जवान के परिजनों ने कहा मांग करते हुए कहा कि धनंजय को शहीद का दर्जा देते हुए सैनिक सम्‍मान मिले. उसकी छोटी बहन आरती को सरकारी नौकरी दी जाए. नई बाजार-फैलहा सड़क का नाम धनंजय के नाम पर हो. 50 लाख की सहायता राज्‍य सरकार दे. साथ ही धनंजय के रेजीमेंट के सीओ के खिलाफ जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए. घटना की न्‍यायिक या सीबीआई से जांच कराई जाए. इस संबंध में एसपी सिटी सोनम कुमार ने कहा कि आठ वर्षों तक उन्‍होंने आर्मी में सेवा दी. डीएम और वे खुद यहां पर हैं. सेना के अधिकारी और जवान भी यहां पर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि जो परिजनों की मांग है नियमानुसार जो भी सैनिक के साथ दुर्घटना या घटना होती है, उसके अलग-अलग प्रोविजन भी होती है. सेना के अधिकारी भी आए हैं. जो भी नियमानुसार मदद होगी, वो की जाएगी.
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