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Published : Oct 19, 2019, 12:02 PM IST

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गोरखपुर: मुख्यमंत्री के IGRS पोर्टल पर धांधली की शिकायत, विकास कार्यों पर होगी जांच

उत्तर प्रेदश के गोरखपुर में मुंडेरा बाजार के विकास कार्यों में धांधली होने की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर की गई थी. आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत के बाद स्थानीय अधिकारियों ने शिकायत की जांच के लिए यहां के सक्षम अधिकारी से विकास कार्यों का विवरण मांगा था.

IGRS पोर्टल पर शिकायत के बाद स्थानीय अधिकारियों ने जांच की.

गोरखपुर: स्थानीय कस्बे में स्थित नगर पंचायत मुंडेरा बाजार के विकास कार्यों में धांधली होने की खबर आई थी. पिछले दिनों समाज सेवी अनूप जायसवाल के नेतृत्व में लोगों ने मुंडेरा बाजार में विकास कार्य का हवाला देकर कई लाखों गबन करने का आरोप लगाया था.

IGRS पोर्टल पर शिकायत के बाद स्थानीय अधिकारियों ने जांच की.
इसे भी पढ़ें-गोरखपुर में सपा नेताओं ने प्रदेश सरकार पर कसा तंज, कहा- विकास कार्यों में नहीं आ रही तेजीविकास कार्य में भ्रष्टाचार का आरोपशिकायतकर्ता का आरोप था कि नगर पंचायत के लेखा-जोखा का विवरण नहीं दिया जा रहा है, जो कार्य किये गए हैं उनका विवरण नहीं दिया जा रहा है. शिकायतकर्ता ने वर्तमान और पूर्व नगर अध्यक्ष के विकास कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. लोगों का आरोप था कि नगर पंचायत के पूर्व सक्षम अधिकारी पूजा सिंह परिहार ने पूर्व में एक दिन में लाखों का कई चेक जारी किया था.

आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत
मुख्यमंत्री के आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत के बाद स्थानीय अधिकारियों ने शिकायत की जांच के लिए यहां के सक्षम अधिकारी से विकास कार्यों का विवरण मांगा था. यहां के जिम्मेदार अधिकारी से 20 दिनों में दो बार नगर पंचायत मुंडेरा बाजार का विवरण मांगा, लेकिन यहां के सक्षम अधिकारी विवरण नहीं भेज सके.

शुक्रवार को नगर पंचायत मुंडेरा बाजार के विकास कार्यों के लेखा-जोखा के बारे में जानकारी के लिए जिले से चार सदस्यों की जांच टीम नगर पंचायत मुंडेरा बाजार पहुंची है. मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भरत लाल श्रीवास्तव के नेतृत्व में कई घण्टे जाचं की प्रक्रिया चली.

नगर पंचायत के अनूप कुमार जयसवाल एवं कुछ सभासदों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आईजीआरएस के तहत मुंडेरा बाजार के विकास कार्यों की जांच हेतु शिकायत की थी. उसी संबंध में हमारी 4 सदस्यीय टीम मौके पर पहुंचकर अभिलेखों को आज देखा है. अभी इसका भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा. जांच के बाद ही मामले की सत्यता का पता चल पाएगा.
-भरत लाल श्रीवास्तव, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी

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