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गोरखपुर: नशे की गिरफ्त में आ रहे ग्रामीण क्षेत्र के नवयुवक - उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अनगिनत बच्चे और नवयुवक भूख को मिटाने के लिए नशीले पदार्धो का सेवन कर रहे हैं. मां-बाप के लापरवाही तथा बच्चों के गलत संगत में पड़ने से उनका जीवन अंधकारमय होता जा रहा है.

मामले की जानकारी देते एडिशनल सीएमओ.

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Published : Jul 25, 2019, 6:51 AM IST

गोरखपुरः जीवन का सबसे खूबसूरत लम्हा बचपन होता है. इसकी यादें जीवन में एक अनमोल पहेली की भांति दिलों में रहती है. वहीं मां-बाप के लापरवाही और बच्चों के गलत संगत में पडंने से ग्रामीणांचल के बच्चे नशे के जंजीरों में जकड़ते जा रहे हैं. नवयुवक टायर का पंचर जोड़ने वाला सुलेशन से अजीबोगरीब नशा करते है. स्वास्थ्य महकमा नशामुक्ति का श्लोगन तो देता है, लेकिन पहल नहीं करता है. इसका नतीजा लोगों के सामने है.

मामले की जानकारी देते एडिशनल सीएमओ.

अंधकार में जा रहे नवयुवक और बच्चे-

  • भटहट के आसपास गांव में मासूम बच्चे लगातार नशे का शिकार होते जा रहे हैं.
  • वहीं छोटे-छोटे बच्चों को नशा करते आमतौर पर देखा जा रहा है.
  • इस आधुनिक में मां-बाप की अनदेखी से उनके बच्चे नशे के अंधकार में डूबते चले जा रहे हैं.
  • नशे के आदी बच्चे भूख को पहले नशे की बुझाते हैं.
  • अपने भविष्य को अंधकार में झोंक रहे हैं.
  • इस उम्र में उनको भविष्य संवारना चाहिए, उस उम्र में नशे के गिरफ्त में जकड़ते जा रहे हैं.
  • अभिभावक अपनी भागदौड़ भरे जीवन में इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
  • बच्चे ने बताया कि भीख मांगकर, घर से पैसे का जुगाड़ करके सुलेशन जैसे मादक पदार्थों का नशा करते हैं.
  • सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि बच्चों को नशे की तरकीब कौन बताता है.
  • जिस तरीके से बच्चे नशा करते हैं, उनके तरकीबों को देख कर चौंकना पड़ता है.
  • अल्प आयु में ही नशा इनको गंभीर बीमारियों का शिकार बना लेता है.
  • युवाओं और बच्चों को इस लत से दूर करने के लिए नशामुक्ति समाज और शुद्ध वातावरण बनाने की जरूरत है.
  • इसके लिए हम लोगों को मिलकर पहल करने की आवश्यकता है.
  • नेशनल टोबैको कंट्रोल प्रोग्राम के माध्यम से इस पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है.

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