61 करोड़ में बनेगा गोरखपुर का आधुनिक कलेक्ट्रेट, मिलेगी पेपरलेस सुविधा - collectorate office in gorakhpur
गोरखपुर जिले में इंटीग्रेटेड सिस्टम से सुसज्जित एक नया कलेक्ट्रेट भवन बनेगा, जो पूरी तरह से पेपरलेस होगा. योगी सरकार ने करीब 61 करोड़ की लागत से बनने वाले इस नए भवन के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है.
इंटिग्रेटेड सिस्टम से लैश कलेक्ट्रेट भवन
गोरखपुर: जनपद वासियों के लिए एक खुशखबरी है. जनपद वासियों को इंटीग्रेटेड सिस्टम से सुसज्जित एक नए कलेक्ट्रेट भवन की सौगात मिलने वाली है, जो पूरी तरह से पेपरलेस होगी. साल 2021 में खूबसूरत और इंटीग्रेटेड सिस्टम से सुसज्जित नया कलेक्टर भवन बनकर तैयार हो जाएगा. योगी सरकार ने करीब 61 करोड़ की लागत से बनने वाले इस नए भवन के प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी है.
खास बात यह है कि इस भवन में सभी विभागीय कार्य पेपरलेस होंगे. कार्यालय तक आने वाले हर फरियादी को उसकी समस्या की सुनवाई जहां तकनीकी आधार पर होगी. वहीं उसके शिकायत की ऑनलाइन ट्रैकिंग भी हो सकेगी. बहुत जल्द इसके शिलान्यास की उम्मीद जताई जा रही है.
118 साल पुरानी है गोरखपुर कलक्ट्रेट की बिल्डिंग
वर्तमान में जिस बिल्डिंग में कलेक्ट्रेट और पुलिस कप्तान का कार्यालय संचालित हो रहा है वह बेहद जर्जर हो चुका है, जिसका निर्माण 1902 में हुआ था. लोक निर्माण विभाग बहुत पहले ही इसे जर्जर साबित कर चुका है. इस परिसर में ही डीएम कार्यालय के अलावा एडीएम, एसडीएम समेत 14 कोर्ट अलग-अलग चेंबर में संचालित होते हैं. यहां 100 से अधिक लोगों की क्षमता वाले दो सभागार भी हैं. इसके अलावा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कार्यालय भी इसी बिल्डिंग में संचालित होता है. अपने मजबूत ढांचे की वजह से करीब 118 वर्षों की अवधि पूरी कर चुकी बिल्डिंग अभी भी सरकारी सेवा में उपयोग की जा रही है, लेकिन अब इसके स्थान पर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी.
दिव्यांगों को मिलेगा अलग रास्ता
नए भवन का 2021 में शिलान्यास और इसी वर्ष में निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा. तब तक के लिए कलेक्टर और पुलिस कप्तान का कार्यालय यहां के पर्यटन बिल्डिंग में संचालित होने की उम्मीद है. नई बिल्डिंग का हर कोना सीसीटीवी कैमरे से लैस होगा. यहां के हर गेट पर मेटल डिटेक्टर भी लगेंगे. दृष्टिबाधित फरियादियों के लिए अफसरों के कक्ष तक पहुंचने के लिए विशेष मार्ग होगा. प्रार्थना पत्रों, कोर्ट के वादों को ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा. साथ ही परिसर में पुलिस कार्यालय भी होने से राजस्व के साथ अपराध से जुड़े मामले की सुनवाई भी एक ही जगह हो जाएगी.