गोरखपुर: वैश्विक महामारी ने लगभग सभी धार्मिक अनुष्ठानों पर पाबंदी लगा दी है, लेकिन पूर्वांचल का बंगाली समाज इस साल शहर की सबसे प्राचीन दुर्गा बाड़ी प्रतिमा की स्थापना लगातार 113वें वर्ष में भी कर रहा है. शहर में राघव और शक्ति का मिलन भी दुर्गाबाड़ी की प्रतिमा के द्वारा ही किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां से कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता.
बड़ी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
पूर्वांचल की बंगाली समिति द्वारा 113 वर्षों से लगातार दुर्गा बाड़ी में मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना बंगाली समाज के द्वारा की जाती है. शनिवार को रामनवमी के अवसर पर बड़ी संख्या में दूरदराज से आए श्रद्धालु दुर्गा बाड़ी पहुंचे. दुर्गा बाड़ी में स्थापित मां की प्रतिमा का भक्तों ने दर्शन किया. इस बार दुर्गा बाड़ी परिसर में न ही भव्य पंडाल बनाया गया है और न ही किसी प्रकार का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इन सबके बावजूद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दुर्गाबाड़ी पहुंचकर मां की आराधना करने में जुटे हुए हैं. इस दौरान बंगाली समिति भी लगातार लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रति जागरूक कर रहा है.