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गोरखपुरः गेहूं की फसल को खरपतवार से कैसे बचाएं, जानें

गोरखपुर में किसान गेहूं में होने वाले खरपतवार से काफी परेशान हैं. कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि बिना किसी सलाह के खेतों में दवा का छिड़काव करना गेहूं की फसल के लिए खतरनाक है.

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Published : Jan 5, 2020, 4:37 PM IST

गेंहू में होने वाले खरपतवार
गेंहू में होने वाले खरपतवार

गोरखपुरः जिले के क्षेत्र में इन दिनों अन्नदाताओं के खेतों में गेहूं की फसल की बुआई पूरी हो चुकी है. बुआई में पिछड़े किसानों की भी फसल अब हरी हो गई है, लेकिन किसान खरपतवार से काफी परेशान हैं. हालांकि कई किसान कृषि विशेषज्ञों के सलाह के बगैर अपने खेतों में दवा का छिड़काव कर रहे हैं. जिसके कारण उनके गेहूं की फसल को भी नुकसान होने का खतरा बढ़ रहा हैं.

कैसे बचाएं गेंहू की फसल को.
गेहूं की फसल जैसा दिखने वाला खरपतवार जिसे किसान 'गेंहू का मामा' के नाम से जानते हैं. वैज्ञानिक भाषा में इसे जई भी कहते हैं. किसानों में जानकारी के अभाव में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष गेहूं के खेतों में जई की तादात अधिक है. इस कारण किसान इससे परेशान हैं.

कृषि प्रसार अधिकारी दीनानाथ यादव ने बताया कि गेहूं की बुआई के 21 दिन बाद सिंचाई करें. गेहूं की सिंचाई के 3 दिन बाद सल्फोसल्फूरान डालकर छिड़काव करें. एक सप्ताह के अंदर सल्फोसल्फूरान से गेहूं की सफल को हुई हानि से बचाने यूरिया और जिंक को गेहूं की फसल में डाले. उसके बाद गेहूं की फसल अपने आप बढ़ने लगेगी. साथ ही गेहूं का मामा नामक खरपतवार नष्ट हो जाएगा.

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