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मनीष गुप्ता की गोरखपुर में पीटकर हत्या मामले में सुनवाई टली

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Published : Aug 5, 2022, 10:36 PM IST

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गोरखपुर में कथित रूप से यूपी पुलिस द्वारा कानपुर के एक कारोबारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या मामले में सुनवाई टाल दी है. स्पेशल जज चंद्रशेखर ने आरोप तय करने के मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को करने का आदेश दिया.

कॉन्सेप्ट इमेज
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नई दिल्ली/गोरखपुर : राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने गोरखपुर में कथित रूप से यूपी पुलिस द्वारा कानपुर के एक कारोबारी मनीष गुप्ता की पीटकर हत्या करने के मामले में सुनवाई टाल (Hearing in Manish Gupta murder case adjourned) दी है. स्पेशल जज चंद्रशेखर ने आरोप तय करने के मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को करने का आदेश दिया. 22 अप्रैल को मामले के आराेपी विजय यादव, राहुल दुबे और कमलेश सिंह यादव को आरोपों से बरी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की गयी है. सीबीआई ने इस मामले के एक गवाह आदर्श पांडेय की मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की प्रति कोर्ट को सौंपी थी. इसके अलावा सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और एसआईटी की जांच रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल किया.

चार अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था. 14 मार्च को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह की कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामले पर सुनवाई करने के लिए इस मामले को सेशंस कोर्ट में भेजने का आदेश दिया था. इससे पहले 11 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था. बता दें कि इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कमलेश सिंह यादव और प्रशांत कुमार को तिहाड़ शिफ्ट करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद 26 फरवरी को सभी आरोपी राउज एवेन्यू कोर्ट में वर्चुअल तौर पर पेश हुए थे.

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सुनवाई में मारे गए कारोबारी मनीष गुप्ता के परिजनों समेत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम भी शामिल हुई थी. कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में आधी रात को पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से पीटकर हत्या कर (Kanpur businessman murdered by policemen in a hotel ) दी थी. मनीष अपने कुछ दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गए थे. वो गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में ठहरे थे. आरोप है कि चेकिंग के नाम पर घुसी पुलिस ने विवाद के बाद मनीष को इतनी बुरी पीटा कि उनकी मौत हो गई. इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे.

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