गोरखपुर:तीन दिवसीय दौरे पर मंगलवार की शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अपने दौरे के दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जहां अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा पर माल्यार्पण और तिलक कर पूजन अर्चन किए. वहीं अपने दादा गुरुओं को भी उन्होंने याद करते हुए उन्हें नमन किया, उनकी आरती उतारी.
CM योगी ने की अपने गुरू की विधि विधान से पूजा. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में साधु-संतों और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए गोरक्ष पीठाधीश्वर और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि भारत के प्रत्येक पर्व हमें कुछ न कुछ प्रेरणा मिलती है. गुरु पूर्णिमा का पर्व भी उसी में से एक है जो हमें सम्मान और आदर का भाव सिखाता है. उन्होंने कहा कि अपने देश में वासंतिक नवरात्र से लेकर श्री कृष्ण जन्मोत्सव, राम जन्मोत्सव समेत तमाम तरह के पर्व हैं, जिसमें लोग पूरी श्रद्धा के साथ शामिल होते हैं. यह पर्व देश में घटी किसी न किसी युगांतकारी घटना की भी व्याख्या करते हैं और ऐसे ही एक घटना का बड़ा परिणाम गुरु पूर्णिमा के रूप में देखने को मिलता है जो गुरु वेद व्यास की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
समारोह में करीब डेढ़ हजार साधु संत मौजूद थे तो शहर के तमाम संभ्रांत नागरिक और योगी के अनुयाई, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे. इन्हें संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि धर्म के मार्ग पर चलना, सच्चाई का साथ देने वाला कभी दुखी नहीं होता. जिसके मन के अंदर नकारात्मक सोच होगा. उसके क्रियाकलाप भी वैसे ही होंगे. भारतीय संविधान भारत की रीति नीति को समझने और उसके अनुकूल आचरण करने का भी अपील किया. साथ ही यह भी बताया कि किस प्रकार मौजूदा दौर में भारत की सरकार संविधान के अनुकूल व्यवहार कर रही है. जिससे पूरी दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा कायम हो रही है. आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब बिना भेदभाव के संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं.
उन्होंने इस दौरान आजादी के 75 वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाये जाने और उसके अर्थ का भी व्याख्या किया. 15 अगस्त के अवसर पर हर घर पर तिरंगा फहरे यह हर भारतीय नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए. देश की आजादी के लिए जिन क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दिया है उनके सम्मान में ऐसे कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए. उन्होंने इस दौरान चौरी-चौरा की क्रांतिकारी घटना के साथ काकोरी कांड को भी याद किया. उन्होंने लोगों के बीच रणबांकुरों की वीरता का बखान किया.
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