गोरखपुरःप्रदेश में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की सीटों पर विधान परिषद का चुनाव 30 जनवरी को होना है. यह चुनाव गोरखपुर-अयोध्या क्षेत्र स्नातक मतदाताओं का है. इसके एमएलसी चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा घमासान भारतीय जनता पार्टी में ही उम्मीदवारी को लेकर है. फिलहाल इस सीट पर भाजपा के देवेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में एमएलसी हैं और वह मजबूती से अपनी दावेदारी भी कर रहे हैं, लेकिन पुराने सपाई और समय-समय पर इनके बयान और क्रियाकलापों से पार्टी की छवि प्रभावित रही है.
वहीं, सपा ने दो माह पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जबकि बसपा को हाईकमान के आदेश का इंतजार है. कांग्रेस भी अभी खामोश है, लेकिन चर्चा और निगाह सबकी इस बार भारतीय जनता पार्टी पर ही टिकी हुई हैं, क्योंकि यह सीट मौजूदा समय में बेहद महत्वपूर्ण हो गई है.
स्नातक एमएलसी के चुनाव में कुल 17 जिलों के स्नातक यानी कि ग्रेजुएट मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं. इस क्षेत्र में जो जिले आते हैं उसमें गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, आजमगढ़, मऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, गोंडा और बलरामपुर हैं. इन जिलों में कुल 2 लाख 48 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इस चुनाव में प्रत्याशियों की व्यक्तिगत पहुंच और मतदाताओं को बनाने में की गई सक्रियता काम आती है.
हालांकि जब से यह चुनाव प्रारंभ हुआ है गोरखपुर क्षेत्र से ही एमएलसी चुना गया है, लेकिन मौजूदा दौर का जो चुनाव है वह बेहद दिलचस्प है और खासकर भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी बनने को लेकर. यहां से देवेंद्र प्रताप सिंह स्नातक एमएलसी का चुनाव तीन बार जीतने में कामयाब रहे हैं. दो बार तो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं और एक बार उन्हें शिकस्त भी खानी पड़ी है. चौथे चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के खेमे में आ गए और 2017 का चुनाव करीब 38 सौ वोटों से जीत गए हैं. मौजूदा परिस्थितियों में वह खुद को मजबूत दावेदार मान रहे हैं.