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बुंदेलखंड को सूखे से बचाने के लिए कृत्रिम बारिश कराएगी योगी सरकार - कृत्रिम बारिश

प्रदेश सरकार अब बुंदेलखंड को सूखे की मार से बचाने के लिए कृत्रिम बारिश कराएगी. सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बारिश की तकनीक ईजाद की है, जिसकी मदद से बुंदेलखंड में कृत्रिम बारिश कराई जाएगी.

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Published : Mar 6, 2019, 11:25 PM IST

गोरखपुर : प्रदेश सरकार के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह का दावा है कि इस साल से बुंदेलखंड क्षेत्र सूखे की चपेट में नहीं आएगा. वह पानी की कमी नहीं झेलेगा. सरकार एक हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराकर किसानों और लोगों को खेती के लिए पानी की उपलब्धता कराएगी. यह बारिश पूरी तरह से स्वदेशी वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई तकनीकी से होगी.

कृत्रिम बारिश के बारे में बताते सिंचाई मंत्री.
सिंचाई मंत्री ने बुधवार को जनपद में जिला योजना की बैठक के बाद मीडिया बातचीत की. इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में पानी की चिंता को लेकर राज्य सरकार निदान में जुटी हुई थी. इसके लिए चीन द्वारा कृत्रिम बारिश के तरीके को सरकार अपनाने पर सहमती भी हो गई थी. चीन से तकनीकी का आयात भी तय हो गया था जिसमें एक हजार वर्ग किलोमीटर कृत्रिम बारिश का खर्चा साढ़े 10 करोड़ पड़ रहा था. जिसके लिए सरकार तैयार भी हो गई थी.वहीं आखिरी दौर में सरकार ने चीन यह समझौता तोड़ दिया. जिसके बाद देश के वैज्ञानिकों ने इस तकनीक पर काम करना शुरू किया और आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बारिश की तकनीक ईजाद की. जिसका खर्चा चीन के खर्चे से आधा है. मंत्री ने इस दौरान कृत्रिम बारिश की पूरी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि बारिश से पहले बुंदेलखंड क्षेत्र में हेलीकॉप्टर से बर्फ की मोटी परत गिराई जाएगी. इसके बाद नमक का छिड़काव किया जाएगा. फिर बादलों को तकनीक के सहारे नीचे लाया जाएगा और फिर जमकर बारिश होगी.उन्होंने इस दौरान यह भी साफ किया कि वैज्ञानिकों ने इस तकनीक के तहत भारी बारिश की भी संभावना जताई है. जिसके लिए कठोर मिट्टी वाले क्षेत्र को पहले चुना गया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए महोबा जिले में सबसे पहले बारिश कराई जाएगी. वहां की मिट्टी का स्वरूप चट्टान जैसा है. जहां भारी बारिश का असर कम होगा. उन्होंने खुशी जाहिर की कि जो क्षेत्र हरियाली और पानी दोनों के लिए तरस रहा था, उसकी चिंता प्रदेश की योगी सरकार करते हुए आखिरकार निदान के रास्ते पर पहुंच गई.

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