गोरखपुर:प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह के मंच से समाज को बड़ा संदेश देने का काम किया. राज्यपाल ने समारोह के दौरान गोल्ड मेडल हासिल करने वाले बेटे- बेटियों से अपेक्षा किया कि वह अपने इस डिग्री की सार्थकता को साबित करें.
गोरखपुर में बोली राज्यपाल आनंदीबेन पटेल महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आपलोग समाज के अंदर व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने का भी माध्यम बनें, जिससे समाज आप लोगों का अनुकरण करें. उन्होंने बड़े साफ लफ्जों मे कहा कि गोल्ड मेडल घर ले जाकर शोभा बढ़ाने के लिए ही न प्रयोग करें. इससे यह भी सीख लें कि अपने विवाह में न तो गोल्ड की मांग करेंगे और न ही दहेज की. राज्यपाल ने कहा कि इस तरह की कुरीतियों को शिक्षित समाज ही आगे आकर समाप्त कर सकता है.
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महामहिम के अभिभाषण की मुख्य बातें
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने लगभग आधे घंटे के भाषण में जो कुछ भी बोला वह समाज में व्याप्त तरह-तरह की कुरीतियों को दूर करने पर केंद्रित था. उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसा शब्द सुनकर ही उनका मन कांप जाता था. कई घटनाएं भी उनके सामने ऐसी आई जिससे वह सिहर गईं. उन्होंने कहा कि राजनैतिक जीवन के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी कार्य करने का जो उनका अनुभव है वह यही कहता है कि किसी भी अभिभावकों अपने बेटी-बेटों को अच्छा संस्कार और अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करनी चाहिए. विवाह करने का निर्णय बच्चों पर ही छोड़ देना चाहिए.
छात्र-छात्राओं को किया सम्मानित
गोरखपुर विश्वविद्यालय के इस 38वें दीक्षांत समारोह में करीब डेढ़ सौ प्रतिभाओं को कुलाधिपति के हाथों सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हुआ. इसमें 70% से ज्यादा बेटियों ने शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में टॉप रैंक हासिल करते हुए कई-कई गोल्ड मेडल हासिल किए. विज्ञान और गणित जैसे विषयों में भी बेटियों ने बाजी मारी तो कानून की डिग्री में भी उन्होंने लड़कों को पछाड़ा. यही वजह थी कि जब राज्यपाल बच्चों को सम्मान देने के बाद अपना संबोधन कर रही थी तो उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को इस बात के लिए बोला कि वह एक ऐसे छात्र का चयन करें जिसका शोध का विषय यह हो कि 'आखिर बेटियां, बेटों से हर क्षेत्र में आगे क्यों निकल रही है'.