गोरखपुर: जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के दौरान लॉक डाउन की अवधि में लोगों को उनके घरों -पर जरूरत के सभी सामानों की डिलीवरी देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की है. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और एसडीएम सदर की जिम्मेदारी संभाल रहे गौरव सिंह सोगरवाल के नेतृत्व में ऑनलाइन डिलीवरी पोर्टल मॉडल को तैयार करने के साथ संचालित भी किया जा रहा है, जिसको प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी सराहा है.
गोरखपुर के होम डिलीवरी पोर्टल की पीएमओ में तारीफ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने 11 ऑनलाइन पोर्टल चलाकर लोगों के घरों तक न सिर्फ खाद्य सामग्री ही पहुंचा रहे हैं, बल्कि दवाओं के साथ स्कूली बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए उनकी किताबें भी अब होम डिलीवरी हो रही है. यही वजह है कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से पीएमओ में निजी सचिव निखिल गजराज ने फोन पर बात कर उनके प्रयास की सराहना और शुभकामनाएं दी हैं.
जिन ऑनलाइन पोर्टल को प्रशासन ने जारी किया है उसमें quefree app सबसे ज्यादा मददगार हो रहा है. इसके माध्यम से कक्षा 1 से 12वीं तक के बच्चों की किताब-कापियां, बेबी केयर प्रोडक्ट और दवाइयों की भी ऑनलाइन डिलीवरी हो रही है. इसके अलावा लोगों को उनके घरों पर नकदी की भी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
इस ऐप के जरिए अधिकतम 5 हजार रूपये की नकद निकासी की सुविधा दी जा रही है, जिसके लिए प्राप्तकर्ता को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना है. जिन अन्य पोर्टल के जरिए लोगों को खाद्य सामग्री, दूध, सर्फ, साबुन, शैंपू उपलब्ध हो रहे हैं वह और उनके नंबर इस प्रकार हैं- www.Quefreeshop.com 7007713260www.onlinefoodz.com 8318388754 kitchen officer Pvt. Ltd 6390111126one point app 7836818124AtoZ online shopping store 8009996375 www.gkponwheel.com 7570030333 www.pyorezo.in 8448440257 Delivery@wy 8004331109 Big shop app 9335393827 Easywliv 9206906847
सभी ने जिला प्रशासन की इस पहल की सराहना की है. यही वजह की अबतक 2 लाख से ज्यादा लोग इन एप के जरिये कनेक्ट होकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं.
एप के माध्यम से सामान प्राप्त करने वाले लोग नगद के अलावा पेटीएम, भीम एप, गूगल पे के जरिए पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं. घरों में नकदी की समस्या को देखते हुए 5000 रूपये होम डिलीवरी का इंतजाम किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 14 सौ दुकानों के माध्यम से जरूरत की वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है,जिसके लिए दुकानों के मोबाइल नंबर, फेसबुक और ग्राम प्रधानों के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंचाए जा रहे हैं. वहीं इसकी निगरानी के लिए लेखपाल की ड्यूटी भी लगाई गई है. प्रतिदिन करीब 30 हजार आर्डर आ रहे हैं और डिलीवरी के लिए 950 लोगों को लगाया गया है. इससे शहरी क्षेत्र के लगभग 40000 लोगों को घरों में रोकने में सफलता मिली है.