गोरखपुर: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाकर प्रदेश सरकार पूर्वांचल के लोगों को हृदय, किडनी, न्यूरो, कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों में बड़े डॉक्टर से इलाज देने की सुविधा शुरू की थी. लेकिन, अब संविदा पर तैनात किए गए इन डॉक्टर की संविदा समाप्त हुई उनकी सेवा भी खत्म हो गई. ऐसे में ऑन्कोलॉजी (कैंसर) और नेफ्रोलॉजी (किडनी) विभाग खाली हो चुका है. करीब एक माह से इसके मरीजों को मेडिकल कॉलेज में इलाज की सुविधा नहीं मिल रही है. कुछ ऐसे भी मरीज है जो दूर-दराज से आते हैं और निराश होकर वापस लौटते हैं.मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश प्रसाद ने कहा है कि नए डॉक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है.
सितंबर माह के अंत तक मिलेगें डॉक्टर:बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर गणेश कुमार ने कहा है कि जिन डॉक्टरों का अनुबंध अवधि पूरा हो गया है वह चले गए हैं. उम्मीद है कि सितंबर माह के अंत तक काउंसलिंग होगी. इसके बाद ऑन्कोलॉजी और नेफ्रोलॉजी को भी नए डॉक्टर मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे कुछ मरीजों को तकलीफ हो रही होगी, जिसका खेद है. जिन्हें तकलीफ हो रही है उनके निदान के लिए डॉक्टरों की तैनाती की पहल की जा रही है.
इन विभागों में डॉक्टरों की कमीःसुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से जुड़े डॉक्टर बैठते हैं. जिसमें, न्यूरोलॉजी में दो डॉक्टर रोहित आनंद और राकेश कुमार मरीजों की देखभाल करते हैं. यह दोनों सप्ताह में तीन-तीन दिन बैठते हैं. इन डॉक्टरों की तैनाती ऐसा नहीं है कि हफ्ते के सातों दिन लगातार होती हो. यह स्थिति न्यूरो सर्जरी विभाग में भी है. जहां डॉ. अनिद्य और डॉ त्रिपुरारी पांडेय भी तीन-तीन दिन सेवा देते हैं. कार्डियोलॉजी में डॉ. कुणाल सिंह, डॉ. धीरज कुमार गौरव, डॉ. मेराज उल हक और डॉ. विवेक यह चार डॉक्टर हैं. लेकिन, यह भी कुल मिलाकर 6 दिन ही बैठते हैं. यूरोलॉजी डिपार्टमेंट डॉ. दानिश के भरोसे चलता है और यह भी सप्ताह में सिर्फ सोमवार और मंगलवार को ही बैठते हैं.