गोरखपुर: जिले के लोगों को आगामी 22 फरवरी को पेश होने जा रहे योगी सरकार के आखरी बजट से खास उम्मीदें हैं. चाहे व्यापारी हों या फिर शिक्षा जगत से जुड़े हुए लोग, हर किसी को इस बात की उम्मीद है कि बजट में टैक्स में छूट और नई तरह की कई व्यवस्थाएं होंगी, जिससे व्यापार और शिक्षा जगत में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे.
22 फरवरी को पेश होगा योगी सरकार का पांचवां बजट. बैंक के ब्याज को माफ कराने का प्रयास करे सरकार
सर्राफा का कारोबार हो या फिर कपड़े का कारोबार, इससे जुड़े हुए व्यापारियों का कहना है कि सरकार टैक्स में कमी लाए, जिससे कोरोना से चौपट हो चुका व्यापार फिर से पटरी पर लौटता नजर आए. साथ ही व्यापारियों ने मांग की है कि कोरोना काल में करीब छह माह के बैंक के ब्याज को माफ कराने की पहल सरकार को करनी चाहिए, जो व्यापारियों को बैंक के लोन पर देने पड़े हैं.
टैक्स में छूट देने का काम करे सरकार
थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष राजेश निभानी ने कहा कि बजट के आधार पर व्यापार की प्रगति और हानि तय होती है. ऐसे में जब व्यापारी हानि में है तो सरकार को उसे उबारने का रास्ता बजट में दिखाना चाहिए. वहीं सर्राफा मंडल के महामंत्री अनूप अग्निहोत्री ने कहा कि जिस प्रकार केंद्र की मोदी सरकार के बजट से सोने के कारोबार में थोड़ी स्थिरता आई है और दाम में भी गिरावट देखी जा रही है, उसी प्रकार योगी सरकार को भी टैक्स समेत कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिससे हर वर्ग का व्यापारी लाभान्वित हो. उन्होंने कहा कि व्यापार में स्थिरता से आमजन को भी बहुत लाभ होता है. बजट का प्रभाव अगर व्यापार पर पड़ता है तो उससे समाज के लोगों को भी लाभ- हानि उठानी पड़ती है. व्यापारियों ने उम्मीद जताई कि चुनावी वर्ष के इस बजट में योगी सरकार निश्चित रूप से राहत वाला बजट पेश करती नजर आएगी.
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बात करें शिक्षा जगत की तो गोरखपुर में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कई बड़े मुकाम हासिल करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में यहां के कुलपतियों ने भविष्य की कई योजनाओं को तैयार करके शासन की झोली में डाल दिया है, जिसके सापेक्ष बजट मिलने से विश्वविद्यालय में रोजगार परक कार्यक्रम शुरू किए जा सकेंगे तो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भी कई पड़ाव देखने को मिलेंगे.
करोड़ों के प्रस्ताव पर लगी मोहर तो चमक उठेगा विश्वविद्यालय
MMMTU के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडे ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए करीब 40 करोड़ का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है, जिससे आधा दर्जन रोजगार पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. साथ ही स्वयंप्रभा लैब और स्मार्ट क्लास के लिए भी पांच करोड़ की डिमांड की गई है. यही नहीं उन्होंने कहा कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर को सोलर लाइट से प्रकाशित करने का भी प्रस्ताव तैयार है और उम्मीद की जा रही है कि सरकार नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे सभी उपायों को सुलझाने के लिए बजट में जरूर प्रावधान करेगी.
गोरखपुर विश्वविद्यालय को बजट से काफी उम्मीदें
वहीं गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को नई शिक्षा नीति के तहत बढ़ाने के लिए संसाधनों की जरूरत है. उन्हें योगी सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. अगर इस बजट में कुछ नहीं हुआ तो तमाम तरह की परियोजनाएं अधूरी रह जाएंगी, जिसमें सेंटर ऑफ सोशल साइंस एंड आर्ट के तहत 10 सेंटर मांगे गए हैं तो विज्ञान संकाय के दायरे में भी 10 सेंटर का प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर करीब दो-दो सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.