सीपीआरओ, एनईआर पंकज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से साझा की जानकारी गौरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल में भटनी-पिवकोल स्टेशन के मध्य बाईपास रेलवे लाइन और दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका है. इंटरलाॅकिंग कार्य के बाद रेल संरक्षा आयुक्त उत्तर पूर्व सर्किल इस लाइन का निरीक्षण करेंगे. इसका स्पीड ट्रायल भी किया जाएगा. गोरखपुर-छपरा मेन लाइन से भटनी जंक्शन पर भटनी वाराणसी लाइन मिलती है. वाराणसी की तरफ से आने वाली ट्रेन को अगर छपरा की तरफ जाना है तो, उसे पहले गोरखपुर की तरफ मुड़कर स्टेशन पर आना होता है. इसके बाद इंजन बदलकर दूसरी दिशा में लगता है. तब ट्रेन आगे बढ़ती है. इसके चलते भटनी जंक्शन पर ट्रेन और इंजन की दिशा बदलने में दो लाइनें व्यस्त रहती थीं. इसमें समय और श्रम भी अधिक खर्च होता था. इसे देखते हुए भटनी-पिवकोल बाईपास लाइन बनाई गई है.
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100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ट्रेन:मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस रूट का मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त निरीक्षण भटनी जंक्शन से शुरू करेंगे. इसके बाद वह नवनिर्मित स्टेशन पैनल, रिले रूम, इंटिग्रेटेड पावर सप्लाई यूनिट रूम, रूट रिले इंटरलॉकिंग, प्लेटफॉर्म क्लियरेंस का भी निरीक्षण करेंगे. इसके बाद पुश ट्रॉली से भटनी-पिवकोल रेल खंड का निरीक्षण शुरू किया जायेगा. भटनी-पिवकोल लाइन पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल सकेंगी.
खुद ट्रैक पार करने की न करें कोशिश:पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल स्थित भटनी-पिवकोल स्टेशनों के मध्य 07 किमी बाईपास लाइन और 05 किमी दोहरीकरण कार्य हुआ है. निरीक्षण के बाद रूट पर ट्रेनों का आवागमन सामान्य हो जाएगा. मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि इस नई रेल खंड के आसपास न तो जानवर छोड़े न खुद ही ट्रैक को पार करने की कोशिश करें. क्योंकि कोई भी दुर्घटना यात्रियों और रेल सुरक्षा दोनों के लिए संकट का कारण बन सकती है.
सिवान होते हुए छपरा मुड़ेगी ट्रेन: इस ट्रैक के शुरू हो जाने से भटनी वाराणसी रेल खंड पर रेल गाड़ियों का आवागमन सामान्य हो जाएगा. वाराणसी से आकर सीवान की ओर जाने वाली गाड़ियों के इंजन की दिशा बदलने से मुक्ति मिलेगी. मुख्य संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग और डीआरएम वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव ने इस मार्ग का निरीक्षण किया है. साथ ही कमियों को दूर करने का भी निर्देश दिया है. इस रेल खंड के बनने से भटनी जंक्शन पर ट्रेन और इंजन की दिशा बदलने में दो लाइन व्यस्त रहती थीं. इसके अलावा इस कार्य में समय और श्रम भी अधिक खर्च होता था. जिसे देखते हुए भटनी पीवकोल बाईपास लाइन बनाई गई है. जिससे वाराणसी की तरफ से आने वाली ट्रेन सीधे सिवान होते हुए छपरा तक मुड़ सकेंगीं.
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