गोरखपुर: मेट्रो का इंतजार जनपदवासियों पर भारी पड़ रहा है. प्रदेश की योगी सरकार शहर में चलाए जाने वाली मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने में ही उलझी हुई है. यह प्रोजेक्ट जिले के अधिकारियों के लिए भी मुसीबत बना हुआ है. योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में गोरखपुर में मेट्रो रेल चलाने की घोषणा हुई थी, लेकिन यह सरकार मार्च 2020 में अपने 3 साल पूरे करने जा रही है. इन 3 सालों में मेट्रो की डीपीआर भी तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में यह प्रोजेक्ट जहां भाजपा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है तो विरोधी दल के लोग सरकार की कार्यशैली पर उंगली उठाने से पीछे नहीं हट रहे.
गोरखपुर को मेट्रो का इंतजार, डीपीआर तैयार करने में फेल हो रही योगी सरकार - gorakhpur khabar
गोरखपुरवासी मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं योगी सरकार मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराने में ही उलझी है. इसपर विपक्ष भी सरकार पर जनता को गुमराह करने का लगा आरोप रहा है.
![गोरखपुर को मेट्रो का इंतजार, डीपीआर तैयार करने में फेल हो रही योगी सरकार etv bharat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5615314-thumbnail-3x2-image.jpg)
योगी आदित्यनाथ, सीएम यूपी.
गोरखपुर वासियों को मेट्रो का इंतजार.
विरोधी दल जनता को गुमराह करने का लगा रहे आरोप
अनुमान है साल 2024 तक इसमें एक लाख 55 हजार लोग रोजाना सफर करेंगे. वहीं दूसरे कॉरिडोर में 12 स्टेशन होंगे जिसकी कुल लंबाई 12.70 किलोमीटर होगी. इस रूट पर 2024 तक 1 लाख 24 हजार लोगों के रोजाना सफर करने का अनुमान है. वहीं इस प्रोजेक्ट के तीन साल में जमीन पर नहीं उतरने पर विरोधी दल के लोग सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं.