गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर के प्रशासनिक भवन हों या फिर रेलवे स्टेशन, यह सभी अंग्रेजों के जमाने की इमारतों में संचालित हो रहे हैं. कई इमारतों की उम्र सवा सौ साल से अधिक हो चुकी है. लेकिन यह सब जल्द ही अतीत की बातें हो जाएंगी. भारत सरकार की अमृत भारत रेलवे स्टेशन पुनर्विकास योजना के तहत गोरखपुर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प होना है. इसके तहत यात्रियों को लिफ्ट, एस्केलेटर, रूफ प्लाजा, मल्टीप्लेक्स, कॉमर्शियल स्टॉल जैसी एयरपोर्ट सरीखी उच्चस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी. खास बात यह कि प्रोजेक्ट और बजट की स्वीकृति के बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जनवरी 2024 से इस पर कार्य शुरू होने की उम्मीद है.
498 करोड़ रुपये से बदलेगा स्वरूप
गोरखपुर रेलवे स्टेशन नया स्वरूप पूरी तरह से भारतीय संस्कृति, सभ्यता और आर्किटेक्ट का बेजोड़ नमूना होगा. इसके लिए 498 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. रेलवे की योजना है कि रेलवे स्टेशन शहर के लोगों के लिए घूमने-फिरने के अलावा, बाजार और खाने-पीने का भी पसंदीदा स्थान बन सके. इसे प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया है. नया स्टेशन बदलते भारत और बदलते गोरखपुर की नई तस्वीर पेश करेगा.
सभी कार्यों का सम्मिलित टेंडर जारी
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि पुनर्विकास के लिए सभी कार्यों का सम्मिलित टेंडर जारी किया गया है. एजेंसी फाइनल करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. सम्मिलित टेंडर होने से बेहतर कोऑर्डिनेशन होगा और कार्य में तेजी के साथ गुणवत्ता पर भी निगरानी आसान हो जाएगी. बताया कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास पर 498 करोड रुपये खर्च होंगे. इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे के कुल 55 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नए स्वरूप और सुविधाओं के साथ सुसज्जित करने का प्रयास चल रहा है. कुछ छोटे स्टेशनों पर कार्य भी चल रहा है, लेकिन गोरखपुर पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है. इसकी वास्तुकला, डिजाइन को एक विशेष स्वरूप दिया गया है, जो भारतीय संस्कृति, सभ्यता पर आधारित होगी.