गोरखपुरः माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए गोरखपुर पुलिस ने जिले के माफियाओं की हिस्ट्रीशीट एक बार फिर खोल दी है. ये माफिया वर्षों से अपनी दादागिरी के लिए मशहूर थे. ये जेल के अंदर और बाहर दोनों जगहों से अक्सर वारदातों को अंजाम देते रहे हैं. अकेले गोरखपुर में इनकी संख्या 31 है. वहीं, मंडल में इनकी गिनती 41 बतायी जा रही है. इन पर कार्रवाई के लिए डीआईजी जे रविंद्र गौड़ के निर्देश पर पैरवी तेज कर दी गई है. ताकि, इनकी दादागिरी खत्म करके इन्हें सजा दिलाई जा सके. इसके लिए पुलिस ने 'ऑपरेशन शिकंजा अभियान' चलाया है.
इन माफिया में बिहार के मोतिहारी से 2 बार विधायक रह चुके राजन तिवारी का भी नाम शामिल है, जो गोरखपुर का रहने वाला है. हिस्ट्रीशीट खोलने के बाद से पुलिस ने इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. वहीं, जिले को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस की कार्रवाई उन माफियों पर तेजी से हो रही है, जो टॉप 10 की सूची में शामिल हैं. वहीं, राजन तिवारी, सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय प्रदेश के टॉप 61 बदमाशों की सूची में शामिल हैं. जो लिस्ट माफिया अतीक अहमद और अरशद अहमद की हत्या के बाद जारी की गई थी.
टॉप 10 अपराधीःइसके अलावा गोरखपुर मंडल में चिन्हित किए गए 41 माफियाओं में देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज के माफिया भी शामिल हैं. पिछले 6 महीने में अकेले गोरखपुर में सबसे ज्यादा मुकदमे में प्रभावी पैरवी कर पुलिस ने ऑपरेशन शिकंजा के तहत कई को सजा दिलाई है. गगहा थाना क्षेत्र के रहने वाले राजन तिवारी के अलावा टॉप 10 में झंगहा थाना क्षेत्र का राघवेंद्र यादव, गुलरिहा का राकेश यादव, बेलघाट थाने का शैलेंद्र प्रताप सिंह, और बांसगांव थाने का राधे और राधेश्याम यादव, कैंट थाना क्षेत्र का सत्यव्रत राय, अजीत शाही, खजनी थाने का सुभाष शर्मा, गीडा थाना क्षेत्र का प्रदीप सिंह, शाहपुर थाने का सुधीर सिंह और गोरखनाथ थाने के विनोद उपाध्याय का नाम इस लिस्ट में शामिल है.