गोरखपुर: प्रदेश में अवैध खनन न हो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खनन से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को कड़े निर्देश दे रखे हैं. बावजूद इसके अवैध खनन के मामले उजागर होते रहते हैं. खास बात यह है कि ऐसे मामले गोरखपुर से भी उजागर हो रहे हैं, जो मुख्यमंत्री का जिला है. जिले के पूर्व खनन अधिकारी अवैध खनन के मामले में ही दो माह पूर्व हटाए जा चुके हैं. वहीं, बुधवार 26 जुलाई को एक ऐसा वीडियो खनन विभाग का वायरल हुआ, जिसमें खनन विभाग का बाबू सरकारी गाड़ी, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी के साथ अवैध खनन की वसूली धड़ल्ले से करते पाया गया. यही नहीं जो ट्रांसपोर्टर सही थे उन्हें भी धमकाकर पैसे वसूलने में जुटा हुआ था. जिससे नाराज होकर ट्रांसपोर्टरों ने उसे पकड़ लिया.
गीडा थाना क्षेत्र की पुलिस को सूचना देकर उसे पकड़ाया भी और उसका वीडियो बनाकर, जिला प्रशासन से लेकर निदेशक खनन तक वायरल कर दिया. दिनभर इस मामले में लीपापोती जवाबदेही चलती रही. लेकिन, देर रात में निदेशक खनन रोशन जैकब ने खनन बाबू को निलंबित करते हुए उसे मुख्यालय से अटैच कर दिया है. साथ ही मामले की जांच के लिए दो अधिकारियों की तैनाती भी कर दी है. हैरानी की बात है कि जिस दिन यह वीडियो वायरल हो रहा था, यानी कि 26 जुलाई को उसी दिन जिले के बड़हलगंज थाना क्षेत्र में, अवैध खनन के मामले में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी. इसमें 3 लोग घायल हो गए थे.
अवैध खनन के मामले में वसूली करने निकले खनन विभाग के बाबू अशोक कुमार कुशवाहा मंगलवार की रात अपने काले कारनामे के साथ पकड़े गए. जिस दौरान वे पकड़े गए उनके साथ उनका भतीजा और खनन विभाग का तथाकथित दलाल भी मौजूद था. इन लोगों ने पकड़ने वाले ट्रांसपोर्टरों को धमकाना भी शुरू किया. लेकिन ट्रक चालक भी अडिग रहे और इन के काले कारनामे को वायरल कर दिया. अशोक कुमार कुशवाहा की गाड़ी से 5000 रुपये भी बरामद हुए. मामला जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी तक पहुंचा. वीडियो कि निदेशालय पहुंचने पर निदेशक डॉ. रोशन जैकब ने बाबू को तत्काल निलंबित करते हुए मुख्यालय लखनऊ से अटैच कर दिया. इस मामले की जांच के लिए रसायन विद अखिलेश कुमार राय को जांच अधिकारी, जबकि भूवैज्ञानिक लखनऊ डॉ. अंजू वर्मा को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त कर दिया है.