गोरखपुरःप्रदेश में नगर निगम चुनाव बहुत करीब है. निर्वाचन आयोग से लेकर सरकार और निगम सभी इस कवायद में तेजी के साथ जुटे हुए हैं. सभी को बस अधिसूचना जारी होने का इंतजार है. इस चुनाव को बीजेपी जितनी गंभीरता से ले रही है उसका असर गोरखपुर से लेकर बनारस और लखनऊ तक देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां पूरे प्रदेश को मथ रहे हैं वहीं, दूसरी तरफ गोरखपुर में विकास योजनाओं की झड़ी लगाकर एक बार फिर नगर निगम में बीजेपी का झंडा लहराने के लिए भी उन्होंने खुद मोर्चा संभाल रखा है.
योगी अपनी सरकार और नेतृत्व में नगर निगम चुनाव में बड़ी सफलता हासिल करना चाहते हैं. 18 अक्तूबर को अपने गोरखपुर दौरे के दौरान सीएम ने करीब तीन अरब की विकास योजनाओं को तोहफा दिया. उन्होंने कहा कि जनता में भरोसा होना चाहिए की बीजेपी की सरकार शहर के लिए और उनके विकास के लिए पूरी तरह से कृत संकल्पित है.
सीएम बनते ही किया नगर निगम सीमा की विस्तारःएक बार फिर जब 2022 में नगर निगम का चुनाव होने जा रहा है तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी की जीत फिलहाल सुनिश्चित दिखाई दे रही है. बावजूद इसके बीजेपी संगठन और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसको जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी ने सबसे पहले नगर निगम सीमा के विस्तार पर मोहर लगाई. 70 वार्डों का यह नगर निगम मौजूदा समय में 80 वार्ड का हो चुका है. इसमें कुल 32 गांव को समाहित किया गया. विकास की परियोजनाएं नगर निगम क्षेत्र में संचालित होती रही हैं. यहां की सबसे बड़ी समस्या जल निकासी की थी. जिस पर सीएम योगी ने प्रोजेक्ट के अनुरूप कार्य कराया.अक्टूबर माह में हुई घनघोर बारिश में शहर में जल जमाव नहीं हुआ. जिसका योगी ने खुले मंच से तारीफ किया.
इस दौरान सीएम योगी ने साफ तौर पर कहा कि जिस नगर निगम परिसर में उन्हें कभी धरना देने के लिए आना पड़ता था. नगर की जनता को बेहतर सुविधा दिलाने के लिए आज वह नगर निगम अपनी विकास योजनाओं और सुविधाओं के लिए पूरे प्रदेश में पहचान कायम कर रहा है. देश में इसका नाम हो रहा है. स्मार्ट सिटी के रूप में शहर विकसित हो रहा है और उसके अनुकूल परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है.