गोरखपुर: अनियोजित कॉलोनियों के विकास को रोकने, मकान और प्लाट के इच्छुक लोगों को, सुविधाओं से युक्त स्थान देने के लिए, गोरखपुर विकास प्राधिकरण यानी कि जीडीए, शासन की लैंड पूलिंग योजना का सहारा लेगा. इसके जरिए जहां वह उन काश्तकारों से जमीन लेकर उसे विकसित करेगा, जहां पर जरूरी सुविधाओं सड़क, बिजली, जल निकासी के साथ लोगों को प्लाट और आवास मुहैया हो सकेगा. इस योजना (Land Pooling Scheme in Gorakhpur) के तहत काश्तकार मिलकर अपनी जमीन विकसित करने के लिए जीडीए का सहारा ले सकते है.
इस योजना का लाभ लेने के लिए न्यूनतम 25 एकड़ भूमि का होना जरूरी है. इसमें ढांचागत सुविधा विकसित करने के बाद जीडीए, कस्तकार को जमीन का 25% हिस्सा दे देगा. इसको वह उचित मूल्य पर बेचकर लाभ भी कमा सकेगा. शेष जीडीए बेचेगा. जमीन की खरीदारी में फ्रॉड, धोखाधड़ी के लोग शिकार होते हैं. अवैध रूप से प्लाटिंग करने वाले खरीदार को, सभी जरूरी सुविधाओं के विकसित करने का प्रलोभन देकर, प्लाट बेचकर चले जाते हैं. इससे यहां बसने वाले लोगों का जीवन मूलभूत सुविधाओं के लिए संकट हो जाता है. ऐसी अनियोजित कॉलोनियों में गोरखपुर विकास प्राधिकरण भी विकास नहीं कर पाता, क्योंकि बजट का अभाव होता है.
अब लैंड पूलिंग योजना के तहत वह अवैध प्लाटिंग की ही समस्या को खत्म कर देगा. शहर का कोई भी बाहरी क्षेत्र ऐसा नहीं होगा जहां अवैध रूप से प्लाटिंग न की गई हो. लेकिन खरीदार को सड़क, नाली, बिजली कि सुविधा नहीं मिल पाती है. उचित भू उपयोग न होने के कारण और गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा, उक्त भूमि का रेरा के तहत पंजीकरण और डेवलपमेंट शुल्क भी नहीं किया जाता है, जिससे विकास प्रभावित होता है.