गोरखपुर:प्रशासनिक उदासीनता और भू माफियाओं के मकड़जाल से अपने अस्तित्व को खो चुके शहर के बीचों बीच के "सुमेर सागर ताल" का दिन बहुरने वाला है. राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज यह ताल अतिक्रमण और अवैध कब्जे का शिकार हो गया था. अब यह ताल पोखरी के ऊपर हुए अवैध कब्जों को हटाने और उसे पुनर्स्थापित करने के हाईकोर्ट के निर्देश से एक बार फिर अपने अस्तित्व में आ जाएगा.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण सुमेर सागर ताल की खूबसूरती बढ़ाने के साथ इसे शहर के बीचों बीच एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बनाने जा रहा है. जो लोगों को कई प्रकार से आनंद की अनुभूति कराएगा. रामगढ़ताल और राप्ती नदी के सुंदरीकरण घाटों से पर्यटन के नक्शे पर चमक रहे महानगर को एक और पिकनिक स्पॉट मिलने से यह सैर सपाटे और मनोरंजन का केंद्र शहर की आबादी के बीच होगा. नए पिकनिक स्पॉट के रूप में सुमेर सागर ताल का 27 करोड़ रुपये से कायाकल्प किया जाएगा.
रामगढ़ताल बना पर्यटन का केंद्रःयोगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर में इस तरह के कई सुधार हो रहे हैं. यहां का रामगढ़ताल पर्यटन का नया केंद्र बन चुका है. इसके साथ ही अन्य नैसर्गिक जलाशयों को भी निखारा जा रहा है. इस बीच गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने महानगर के हृदय स्थल विजय चौराहा से धर्मशाला बाजार के बीच स्थित 18.5 एकड़ में फैले सुमेर सागर ताल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पहल की है. पूर्व में यह ताल अतिक्रमण की चपेट में था. जीडीए ने जिला प्रशासन के सहयोग से इसे अतिक्रमण मुक्त कराया है. जीडीए की तरफ से बनाए गए प्रस्ताव के मुताबिक सुमेर सागर ताल को प्राकृतिक स्वरूप देने के साथ इसके किनारे जॉगिंग ट्रैक, पार्किंग, फूड कोर्ट, म्यूजिकल फाउंटेन, स्मार्ट लिंक रोड, खूबसूरत लाइटिंग और लोगों के बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था की जाएगी.