गोरखपुर: जिले की कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक फतेह बहादुर सिंह को देश के उम्दा विधायकों में शामिल होने का गौरव हासिल हुआ है. फेम इंडिया और इंडिया पोस्ट की ओर से देशभर के 3958 विधायकों पर किए गए सर्वे में 50 विभिन्न श्रेणियों में विधायकों का चयन किया गया है. जिसमें फतेह बहादुर सिंह को मजबूत विधायक की श्रेणी में रखते हुए फेम इंडिया और इंडिया पोस्ट ने 50वां स्थान दिया है. फतेह बहादुर सिंह प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के पुत्र हैं. राजनीति में इन्होंने मुकाम पिता की मृत्यु के बाद कायम किया, जो लगातार जारी है.
इस सर्वे के पीछे फेम इंडिया का उद्देश्य समाज के लिए बेहतर कार्य करने वाले विधायकों को सामने लाना था. इस कड़ी में देश भर की 31 विधानसभाओं के 4123 विधायकों की संख्या के बीच 3958 पर यह सर्वे किया गया. इस वक्त देश की विभिन्न विधानसभा में विधायकों की 165 सीटें खाली हैं. फतेह बहादुर सिंह को इस सूची में स्थान मिलना निश्चित रूप से 1991 से लेकर विधानसभा चुनाव 2017 में लगातार मिलती विजय रही है. यही नहीं, इस बीच इन्होंने चार बार पनियारा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने में सफलता हासिल की और प्रदेश सरकार में मंत्री बने.
योगी सरकार में भी इन्हें मंत्री बनाए जाने की थी चर्चा
2012 का चुनाव इन्होंने कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी भारी मतों से जीत कर अपनी मजबूत पकड़ जनता में स्थापित किया. 2017 में यह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर फिर भारी मतों से चुनाव जीते और सदन के वरिष्ठ सदस्य होने की वजह से इन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनाया गया था. कई बार योगी सरकार में इन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा रही, लेकिन सीएम का गोरखपुर से होने की वजह से ऐसे मजबूत विधायक को भी सरकार में शामिल नहीं किया जा सका. लेकिन फतेह बहादुर सिंह अपनी कर्मठता और सक्रियता में कोई कमी नहीं की. इनके नाम के साथ पूर्व मुख्यमंत्री का पुत्र होने का तमगा भले ही जुड़ा है, लेकिन इन्होंने बेजोड़ मेहनत और जनता के बीच जो उपस्थिति जताई है, उसी आधार पर फेम इंडिया ने इन्हें मजबूत विधायकों की श्रेणी में स्थान दिया है.
इन योग्यताओं पर किया गया सर्वे
यह सर्वे मुख्य रूप से 3 तरीके से किया गया, जिनमें स्टेक होल्ड, ऑनलाइन और डाटा एनालिसिस प्रमुख है. इस सर्वे में विधायकों का चयन उनकी लोकप्रियता, कार्यशैली, प्रतिबद्धता, सामाजिक सरोकार, प्रभाव, जनता से जुड़ाव, जनहित के कार्य, छवि के साथ शून्य काल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, प्रस्तुत विधेयक, विधानसभा में उपस्थिति, विधायक निधि के खर्च आदि के विश्लेषणात्मक रिपोर्ट के परिणामों को शामिल करते हुए स्थान दिया गया. विधानसभा में उपलब्ध डाटा, लोगों की राय, मीडिया और सोशल मीडिया की रिपोर्ट और विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की राय इसमें शामिल थे. यूपी से करीब पांच अन्य विधायकों को भी इसमें शामिल होने का मौका मिला है, जिनमें कांग्रेस के भी विधायक हैं और दोनों महिला हैं.