गोरखपुर : आकर्षक कलाकृतियों और रंगों के बल पर पूरी दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाने वाला गोरखपुर का टेराकोटा उत्पाद दिवाली के अवसर पर भी धूम मचा रहा है. टेराकोटा उत्पाद की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि इसके निर्माण में जुटे कलाकार पूरी तरह से आपूर्ति भी नहीं दे पा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब से टेराकोटा उत्पाद को 'वन डिस्टिक वन उत्पाद' की श्रेणी में टॉप स्थान दिया है तभी से इसकी डिमांड और बढ़ गई है. यही नहीं योगी सरकार ने इस उत्पाद से जुड़े कलाकारों के हुनर और कौशल के साथ जरूरी संसाधन को बढ़ाने में भी योगदान दिया है, जिससे इस उत्पाद को बाजारों में उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जिला उद्योग केंद्र भी शिद्दत से जुटा हुआ है. यही वजह है कि प्रकाश पर्व दिवाली के अवसर पर टेराकोटा की कलाकृतियां पटाखों के स्टाल के बीच भी बेची जा रहीं. सबसे खास बात यह है कि इन मूर्तियों को हाथ से बनाया जाता हैं. इसमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग होता है और इसकी चमक लंबे समय तक बरकार रहती है.
कलाकारों को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम कर चुके हैं सम्मानित
गोरखपुर जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर औरंगाबाद गांव में एक विशेष प्रकार की मिट्टी से यह उत्पाद (टेराकोटा) तैयार किया जाता है. इस उत्पाद में सबसे खास बात इसके रंगाई की होती है, जो विशेष चमक लिए होती है. इस गांव के हर घर में इन मूर्तियों के बनाने वाले कलाकार हैं. करीब 3 पीढ़ियां इस काम में लगी हुई हैं. यही वजह है कि यहां के कलाकार को राष्ट्रीय फलक पर पहचान तो मिली ही है बल्कि लंदन, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों में जाकर भारत के इस कौशल को प्रदर्शन करने और प्रशिक्षण देने का भी अवसर इन्हें मिला है. टेराकोटा निर्माण से जुड़े गुलाबचंद ऐसे ही एक कलाकार हैं, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सम्मानित किया था. वह कहते हैं कि इस दीवाली पर लक्ष्मी-गणेश, दीये, लैम्प और अन्य कई कलाकृतियों की डिमांड बढ़ी है. उन्होंने कहा कि योगी सरकार में इस उत्पाद को विशेष पहचान देने के साथ गांव के अंदर कई सुविधाएं प्रदान की गई, जिसमें मिट्टी के चाक, भट्टी गेस्ट हाउस आदि शामिल हैं.