गोरखपुरःनेत्रहीन व्यक्तियों की मदद के लिए गोरखपुर के आईटीएम इंजीनियर कॉलेज की चार छात्राओं ने एक अनोखा आविष्कार किया है. आंखों की रोशनी गंवा चुके लोग को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद के लिए एक ऐसी छड़ी बनायी गयी है, जो उन्हें उनके पास की चीजों के बारे एक दम सटीक और सही जानकारी देगी. मंदिर, काम्प्लेक्स और भीड़-भाड़ वाले इलाकों के बारे में भी ये स्टिक इनको सूचित करेगी. अब नेत्रहीनों को किसी के सहारे या मदद की जरूरत नहीं होगी. ये स्टिक ही इनका सहारा और आंखों का तारा बनेगी, जिसका नाम है 'शिवा ब्लाइंड स्टिक'.
600 से 700 रुपये में होगी उपलब्धःइस स्टिक को आईटीएम (इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट) गीडा की चार छात्रा अंकिता, अंजलि, अंशिका और अनामिका ने बनाया है. इनके ग्रुप को फोर 'ए' प्रोजेक्ट भी कहा जाता हैं. इनमें तीन छात्राएं बीटेक और एक एमबीए प्रथम वर्ष की छात्रा है. छात्राओं ने बताया कि इस स्टिक को उन्होंने महज एक सप्ताह में बनाया है. इसको बनाने में 2500 रुपये की लागत आई है, लेकिन बाजार में यह स्टिक केवल 600 से 700 रुपये की कीमत में उपलब्ध हो जाएगी. नेत्रहीन इसे आसानी से खरीद पाएंगे.
नेत्रहीनों को देगी सटीक जानकारीःछात्रों ने बताया कि यह स्टिक नेत्रहीनों को धार्मिक स्थलों, शॉपिंग माल, दुकानों, पार्क, बाजार और अन्य किसी भी स्थान पर पहुंचने और उसके बारे में जानकारी देगा. साथ ही वह जिस मंदिर से गुजर रहे हैं या फिर जिस मंदिर के पास खड़े हैं. वो किसका मंदिर है या उसमें किसकी मूर्ति रखी हुई है ये भी बताएगा. चारों छात्राओं ने इस डिवाइस को असिस्टेंट प्रोफेसर विनीत राय के निर्देशन में तैयार किया है.