गोरखपुरः नगर निगम क्षेत्र से निकलने वाला कूड़ा नगर में रहने वाले लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है. नौसढ़ वार्ड के एकला बंधे पर कूड़े के अंबार दिन-ब-दिन जानलेवा होता जा रहा है. यहां आग और धुआं बराबर उठता रहता है. शाम को पूरा क्षेत्र धुंध से ढक जाता है. यहां से उठने वाली बदबू लोगों के दैनिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है. स्वास्थ्य से लेकर स्किन की समस्या लोगों को आ रही है. लेकिन, इसके स्थाई समाधान कराने में नगर निगम पूरी तरह विफल है. स्थानीय लोग और सपा नेता बीजेपी की सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. वह कहते हैं कि पिछले 20 वर्षों से गोरखपुर में भारतीय जनता पार्टी का मेयर, विधायक और सांसद है. बावजूद इसके यह समस्या जस की तस बनी हुई है.
गोरखपुर महानगर में कुल सत्तर वार्ड हैं. जहां से रोजाना 350 टन कूड़ा निकलता है. यही कूड़ा एकला बंधे पर लाकर फेंका जाता है. इसमें पॉलिथीन, कपड़ा, गीला सूखा कूड़ा और मरे हुए जानवर भी शामिल होते हैं. इससे अक्सर धुंआ उठता रहता है. धुएं से आसपास के हजारों की आबादी बुरी तरह प्रभावित होती हैं. लोगों का घरों में रहना मुश्किल होता है. गर्मी के दिनों में समस्या और बढ़ जाती है. लोग गर्मी से राहत पाने के लिए घरों में पंखे चलाते हैं, जिससे बदबू और धुआं उनके घरों में खिंचा चला आता है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके निदान के लिए नगर आयुक्त से लेकर कमिश्नर और एनजीटी तक शिकायत की गई. लेकिन, इसका समाधान नहीं हो रहा. यह समस्या उनके लिए परेशानी का सबब बन गयी है. खांसी, सीने में दर्द और स्किन की समस्या के साथ-साथ कई दूसरी समस्याएं इससे बढ़ रही है. वहीं, सपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता कीर्ति निधि पांडेय ने कहा कि गोरखपुर में कूड़ा निस्तारण नहीं हो पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है. नगर निगम में उसकी सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक और सांसद भी बीजेपी के ही हैं. उनके सामने यह समस्या कई सालों से है. यहां बीजेपी 20 सालों से नगर निगम पर काबिज है. 6 साल से प्रदेश में इसी शहर के सीएम हैं. फिर भी इसका स्थाई समाधान लटका पड़ा है.