गोरखपुर: केंद्रीय बजट में पूर्वोत्तर रेलवे के लिए निर्धारित छह हजार पांच सौ करोड़ की धनराशि से कई तरह के विकास कार्य होंगे. इसी में एक प्रमुख कार्य है 'ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग' का. इसके जरिए हर रूट पर प्रत्येक किलोमीटर पर ऑटोमेटिक सिग्नल लगाए जाएंगे, जिससे दुर्घटना भी रुकेगी और ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी. इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट तय हुआ है. एक माह के भीतर कार्यदायी संस्था भी तय हो जाएगी. इसके बाद कार्य को गति मिलेगी. इसके लिए कुल छह निविदाएं की जाएंगी. इसके लग जाने के बाद ट्रेन के एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंच जाने की निगरानी स्टेशन मास्टर के लिए आसान होगी.
ट्रेन हर स्टेशन से देखी जा सकेगी. उसके अनुसार समपार फाटक भी बंद होंगे. पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया है कि यह सिस्टम एक समय में एक साथ कई ट्रेनों को चलाने में मददगार होगा. ट्रैक की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. स्पीड बढ़ाई जा सकेगी. इसके लिए 450 करोड़ रुपये ट्रैक मरम्मत के लिए भी मिला है. सबसे बड़ी बात यह होगी कि इससे ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा.
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल सिस्टम के लागू हो जाने से एक ही ट्रैक पर 1 किलोमीटर के अंतर पर एक के पीछे एक ट्रेनें चल सकेंगी. इससे रेल लाइनों पर ट्रेनों की रफ्तार के साथ ही संख्या भी बढ़ सकेगी. वहीं, कहीं भी खड़ी ट्रेन को चलाने के लिए आगे चल रही ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि रेलवे सदैव यात्रियों को सुरक्षा और बेहतर सुविधा देने में लगा है. इसके क्रम में समय की मांग के अनुरूप इस व्यवस्था से रेलवे में बड़ा परिवर्तन होगा तो यात्रियों को भी इस सुविधा से समय की बचत और सुरक्षा के साथ तेज गति का आनंद मिलेगा.