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फिर चीनी का कटोरा बनेगा गोरखपुर, किसान उगाएंगे गन्ना

एक वक्त था जब दुनिया में सबसे ज्यादा चीनी मिलें गोरखपुर क्षेत्र में थीं और यह चीनी का कटोरा कहा जाता है. इलाके की अर्थव्यवस्था गन्ने से चलती थी, लेकिन फिर चीनी मिलें बंद होती चली गईं. किसानों ने गन्ना उगाना भी बंद कर दिया. अब एक बार फिर इलाके को चीनी का कटोरा बनाने की कवायद शुरू हुई है.

फिर चीनी का कटोरा बनेगा गोरखपुर
फिर चीनी का कटोरा बनेगा गोरखपुर

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Published : Jan 7, 2021, 4:47 PM IST

गोरखपुर: एक बार फिर गोरखपुर के चीनी का कटोरा कहलाने की उम्मीद जगी है. इसकी वजह पिपराइच चीनी मिल है, जिसकी क्षमता जितना गन्ना इलाके में नहीं मिल पा रहा है. वजह यह कि किसानों ने गन्ना उगाना बंद कर दिया है. अब किसानों को दोबारा गन्ना उगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. गुरुवार को गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह ने सरदार नगर में किसानों से संवाद किया. उन्होंने किसानों को गन्ने की खेती के लिए जागरूक किया. उन्होंने बताया कि पिपराइच चीनी मिल में गन्ने की पर्याप्त जरूरत है, जिसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है. अगर किसान इलाके में दोबारा गन्ने की खेती करें तो इलाका फिर से चीनी का कटोरा बन जाएगा.

किसानों को दोबारा गन्ना उगाने के लिए कर रहे प्रेरित.
सरैया चीनी मिल में फंसा किसानों का पैसा

चौरी-चौरा के सरैया चीनी मिल के कारण कुछ दशकों पहले तक सरदार नगर क्ष्रेत्र के लगभग सभी किसान अपने खेतों में गन्ने उगाते थे. पास के सरैया चीनी मिल में लाकर उचित दाम पर बेच देते थे. कालांतर में सरैया चीनी मिल बन्द हो गई. अब तक भी सरैया क्षेत्र के गन्ना किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है. इस कारण किसानों ने गन्ने की बुआई छोड़ पारम्परिक खेती करना शुरू कर दिया है.

किसानों की आय दोगुनी करने के बताए तरीके

गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह सरदार नगर ब्लाक में लगातार दौरा कर किसानों से संवाद कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने पिपराइच चीनी मिल में गन्ने की जरूरत को पूरा करने के लिए किसानों से संवाद करते हुए कहा है कि किसान अपने खेतों में गन्ने की वैज्ञानिक विधि से खेती करके दोगुना लाभ ले सकते हैं. किसान गन्ने के साथ-साथ कई अन्य फसलों की बुआई भी खेत में करें.

गोरखपुर को दोबारा चीनी का कटोरा बनाया जाएगा. हमें जो टारगेट मिला है, उसे हम पूरा करेंगे. किसानों से हम लगातार संवाद कर रहे हैं. उनकी समस्याओं को सुन कर हल किया जा रहा है. मैंने सबको अपना नंबर भी दिया है. कोई भी किसान मुझसे सीधे जुड़कर अपनी समस्या बता सकता है.

इंद्रजीत सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, गोरखपुर

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