गोरखपुर: नैक मूल्यांकन ए ग्रेड पाने के लिए विश्वविद्यालयों में बड़े-बड़े खेल चल रहे हैं. इनमें गोरखपुर (Gorakhpur) का मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) भी शामिल है. यहां बीटेक के 40 छात्रों के फर्जी प्रवेश हुए हैं. इन छात्रों ने जाली कागजात बनाकर बीटेक (MMMUT B.tech) में दाखिला लिया था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने चिन्हित कर उनके प्रवेश को निरस्त कर दिया है. इस फर्जीवाड़े में किसी बड़े रैकेट का हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं. मामले के खुलासे के बाद विश्वविद्यालय प्रबंध बोर्ड ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है.
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जेपी पांडेय (MMMUT Vice Chancellor JP Pandey) ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 'सितंबर 2022 में इस मामले की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को हुई थी. इसके बाद सभी प्रकार के कागजात को कब्जे में लेकर कई स्तरों पर जांच कराई गई. जांच के दौरान परत दर परत खुलती चली गईं. समिति की जांच में जिस तरह से प्रवेश में जालसाजी के तथ्य मिले हैं, उससे एक बात साफ है कि इसमें किसी बड़े रैकेट का हाथ है. इस जांच की आंच विश्वविद्यालय के कुछ सीनियर के ऊपर भी पड़ सकती है।'
जांच में सही पाया गया मामला, छात्रों के प्रवेश निरस्त
प्रोफेसर जेपी पांडेय ने बताया कि अब तक की जांच में सत्र 2020-21 के 22 और सत्र 2021-22 के 18 विद्यार्थियों द्वारा फर्जी कागजात तैयार कराकर दाखिला कराने का मामला प्रकाश में आया है. मामले में तीन चरणों की जांच हुई है, जिसमें दो चरणों की जांच में मामला सही पाया गया है. इसके बाद आरोपी छात्रों का प्रवेश निरस्त किया गया है. तीसरी जांच रिपोर्ट का आना बाकी है.