गोरखपुरः गिडा सेक्टर13 में स्थित मेसर्स जास इंटरनेशनल प्लाईवुड फैक्ट्रीपर गिडा प्रबंधन के द्वारा नोटिस चस्पा किया गया है. प्रबंधन का कहना है कि जिस जमीन पर फैक्ट्री संचालित है वह गिडा की जमीन है.
पलायन को मजबूर फैक्ट्री मालिक लगा रहा न्याय की गुहार.
दरअसल, कुछ दिनों पूर्व गिडा सेक्टर13 में स्थित मेसर्स जास इंटरनेशनल प्लाईवुड फैक्ट्री पर गिडा प्रबंधन के द्वारा नोटिस चस्पा किया गया था, कि यह फैक्ट्री गिडा की जमीन पर अवैध रूप से संचालित हो रही है और गिडा के रिकार्ड में यह फैक्ट्री नहीं है. अतः इस फैक्ट्री को एक हफ्ते का मोहलत दिया गया था, कि इस जगह को खाली कर दें. अन्यथा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी. इस खबर को समाचार पत्रों में प्रकाशित भी किया गया था.
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जब इस खबर की पड़ताल करने ईटीवी भारत के सवांददाता पहुंचे तो मामला कुछ और ही सामने आया. फैक्ट्री मालिक से इस विषय में बात की गई तो उनका कहना था कि समाचार पत्रों में जो खबर प्रकाशित की गई हैं वह बेबुनियाद है. मेरी फैक्ट्री और मेरे ब्रांड को बदनाम करने की साजिश के तहत यह कार्य किया गया है. मेरे पक्ष जाने बगौर इस खबर को प्रकाशित किया गया है.
फैक्ट्री मालिक ने बताया कि पूर्व में कुछ विरोधियों द्वारा साजिश करके उनकी कुछ फैक्ट्रियों पर जबरन कब्जा कर लिया गया था. उस घटना में गिडा प्रबंधन तंत्र के कुछ जिम्मेदार अधिकारी भी मिले हुए थे. जिनके खिलाफ उन्होंने पुलिस केस भी दर्ज कराया था, लेकिन सालों बीत गए अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी और पुलिस हांथ पर हांथ धरे उनके बर्बादी का तमाशा देख रही है.
फैक्ट्री मालिक जमालुद्दीन ने बताया कि जिस समय उन्होंने जमीन को किसान से खरीदा था उस समय वह जमीन गिडा की नहीं थी. जब हमको पता चला कि यह जमीन गिडा प्रबंधन के अधीन हो चुकी है. तब हमने उनसे संपर्क करने की कोशिस कि और जो भी उनके नियम कानून थे हम मानने के लिए तैयार भी हुए, लेकिन हमारी किसी भी बात को न सुनकर सीधे हमें दोसी करार देते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश दे दिया गया.
जमालुद्दीन ने कहा कि अगर ऐसा होता है तो उस फैक्ट्री में कार्य करने वाले हजारों मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे. फैक्ट्री मालिक ने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे पूरे परिवार के साथ आत्मदाह करेंगे जिसकी जिम्मेदारी यहां के शासन प्रशासन की होगी.
इस बात पर गिडा के सीईओ संजीव रंजन का कहना था कि ध्वस्तीकरण का नोटिस लगाया गया है, लेकिन उनको एक हफ्ते की मोहलत भी दी गई है. अगर वो अपने को एक हफ्ते के अंदर सही साबित करपाते हैं, तो उनकी फैक्ट्री बच जाएगी अन्यथा ध्वस्तीकरण तय है.