गोरखपुर:जिले में स्थित गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंची महिला कल्याण विभाग की महिला कर्मचारियों को वापस लौटना पड़ा. ये महिलाएं 'वन स्टॉप सेंटर' के माध्यम से पीड़ित महिलाओं की दिन-रात मदद करती हैं. इन महिलाओं का कहना है कि पिछले एक साल से वेतन और मानदेय नहीं मिला है, फिर भी बिना वेतन ये लोग नौकरी करती चली आ रही हैं.
गोरखपुर: महिला कल्याण विभाग की कर्मचारियों को एक साल से नहीं मिला वेतन
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में महिला कल्याण विभाग की कर्मचारी सैलरी न मिलने की शिकायत लेकर सीएम के दरबार पहुंची. इन महिलाओं को एक साल से वेतन और मानदेय नहीं मिला, लेकिन आश्वासन के बाद मांग पत्र देकर ये महिलाएं गोरखनाथ मंदिर से वापस लौट आईं.
महिलाएं पहुंची गोरखनाथ मंदिर
इन महिलाओं को लॉकडाउन में काफी परेशानी उठानी पड़ी, सोमवार को मुख्यमंत्री के गोरखपुर में मौजूद होने की सूचना पर ये अपनी शिकायत लेकर गोरखनाथ मंदिर पहुंचीं. वहां पहुंचने पर सीएम योगी से वह नहीं मिल सकी, लेकिन सीएम के कैंप कार्यालय से जुड़े लोगों से आश्वासन मिलने के बाद, सीएम के नाम एक पत्र देकर सभी वापस लौट गईं.
3 साल पहले हुई थी 181 की शुरुआत
महिला कल्याण विभाग में 181 की शुरुआत करीब 3 साल पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी. इस विभाग में तीन शिफ्टों में 90 कॉल टेकर के माध्यम से महिलाओं से जुड़ी समस्या सुनी जाती है. इस हेल्पलाइन नंबर महिलाओं के साथ मारपीट, घरेलू हिंसा, पारिवारिक हिंसा, एसिड अटैक, छेड़छाड़, रेप, दहेज उत्पीड़न जैसे मामलों की कॉल आती है. इनके माध्यम से पीड़ित महिलाओं तक पुलिस और 'वन स्टॉप सेंटर' की महिला कर्मचारी पहुंचती हैं. लेकिन आज ये महिलाएं खुद मदद की गुहार लगाने के लिए मजबूर हैं.