गोरखपुर:शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तारामंडल रोड स्थित क्षत्रिय भवन, प्रताप सभागार में महाराणा प्रताप की अश्वारोही प्रतिमा का अनावरण किया. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि,देश व समाज के लिए जातीय भेदभाव, छुआछूत व अश्पृश्यता महापाप है. ये वे कारण हैं जिनसे स्वदेश व स्वधर्म पर संकट आए. देश गुलाम हुआ, धर्मस्थल नष्ट हुए. स्वदेश और स्वधर्म की रक्षा के लिए आज राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप के त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है. देश और समाज की एकजुटता के लिए जातीय भेदभाव, अश्पृश्यता को तिलांजलि देना हम सबका दायित्य होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय संगठनों को जाति विशेष का संगठन बनने की बजाय सामाजिक संगठन बनकर, समाज व देश को एकजुट करने के लिए, समाज की कुरीतियों, विकृतियों को दूर करने का बीड़ा उठाना होगा. इस कार्य के लिए महाराणा प्रताप आदर्श रूप में हैं. जिन्होंने भील, मीणा, थारू जनजातियों को साथ जोड़कर स्वदेश व स्वधर्म के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व धर्म के लिए महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी,गुरु गोविंद सिंह व ऐसे ही अनगिनत नायकों के बलिदान की प्रेरणा से, नई पीढ़ी को दीक्षित करने की जरूरत है. राष्ट्रनायकों की प्रेरणा से समाज को एकजुट किया जा सकता है. महाराणा प्रताप का त्याग व बलिदान राज्य, जाति या परिवार के लिए नहीं था बल्कि देश व धर्म के लिए था. संधि के लिए अकबर द्वारा भेजे गए राजा के साथ उन्होंने इसीलिए भोजन करने से मना कर दिया कि, उन्हें देश के प्रति स्वाभिमान से समझौता करना गंवारा नहीं था. स्वदेश व स्वधर्म की लड़ाई में उन्होंने तमाम दुर्ग व किले वापस जीतकर सनातन धर्म व भारत का स्वाभिमान बढ़ाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज को एकजुट कर वह इस लड़ाई में सफल हुए. इस लड़ाई में उनकी सेना का योगदान था, उनके घोड़े चेतक का, भामाशाह का, सेनापति पूंजा, भील, मीणा जनजातीय समाज का योगदान था। भील व मीणा लोग आज भी महाराणा प्रताप के दिखाए स्वाभिमान पथ पर बने हुए हैं.