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योगी के शहरवासियों के लिए दुर्भाग्य बनी मोदी की 'सौभाग्य योजना' ! - सौभाग्य योजना उत्तर प्रदेश

गोरखपुर की पहचान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर के रूप में कायम हो चुकी है. योगी सरकार यहां 24 घंटे बिजली के दावे करती है, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है. शहरवासी महीनों से बिजली की समस्या से परेशान हैं और पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी सौभाग्य योजना इसका सबसे बड़ा कारण है.

गोरखपुर में सौभाग्य योजना ने बढ़ाई लोगों की परेशानी.

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Published : Jul 25, 2019, 11:49 PM IST

गोरखपुर: सीएम सिटी में इन दिनों लोग बिजली की बेतहाशा कटौती से परेशान हैं. पिछले कई महीने से स्थिति बदतर हो गई है. लगातार ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं तो उन्हें बदलने में विभाग की हालत खराब हो रही है. खराब ट्रांसफार्मरों की संख्या इतनी है कि उनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है. साथ ही नए ट्रांसफार्मर भी लग नहीं पा रहे हैं. इस पीछे सबसे बड़ी वजह 'सौभाग्य योजना' बताई जा रही है.

गोरखपुर में सौभाग्य योजना ने बढ़ाई लोगों की परेशानी.
कैसे दुर्भाग्य बनी सौभाग्य योजना
सौभाग्य योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था. इस योजना के तहत गरीबों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिए जाने थे. इस योजना के तहत काम भी खूब तेजी से हुआ और कनेक्शन भी खूब बांटे गए. गोरखपुर मंडल में करीब साढे़ छह लाख कनेक्शन दिए गए. इसके बाद बिजली आपूर्ति करने के लिए विभिन्न क्षमता के 49 हजार ट्रांसफार्मरों की जरूरत थी. यह योजना 31 मार्च 2019 को समाप्त कर दी गई और कार्यदायी संस्थाओं ने जो सामान खरीदा था उसे लगा कर चलती बनीं. चुनावी माहौल और कनेक्शनधारियों के दबाव में विभाग ने इन सभी का लोड पुराने ट्रांसफार्मरों पर लाद दिया. इसकी वजह से ट्रांसफार्मर फटने लगे और उपभोक्ताओं की समस्या बढ़ने लगी. भीषण गर्मी में बिजली की कटौती ने आम लोगों को ही परेशान नहीं बल्कि किया सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारी भी परेशान थे.
आम लोगों के साथ-साथ बिजली विभाग भी परेशान
बिजली की कटौती से लोग परेशान हैं तो विभागीय अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ी हुई है. उन्हें ठेकेदारों का सहयोग नहीं मिल पा रहा तो मौसम भी ट्रांसफार्मरों की मरम्मत में बाधक बना हुआ है. मुख्य अभियंता की मानें तो बरसात में हवा और नमी के कारण मरम्मत किए जाने वाले ट्रांसफार्मरों में इंसुलेशन फेल्योर हो जाता है. ज्यादा खराबी आने की वजह से कार्य की अधिकता हो गई है. जिले में 63 केवीए ट्रांसफार्मर की कमी है और इन्हीं के जलने की संख्या ज्यादा है. इस हाय-तौबा के बीच 100 केवीए के ट्रांसफार्मर को लगाकर विद्युत आपूर्ति को बहाल करने की कोशिश की जा रही है.

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