गोरखपुरःधार्मिक स्थलों व आयोजनों में लाउडस्पीकर की तेज आवाज को लेकर छिड़े विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश की सभी सराहना कर रहे हैं. उन्होंने आदेश दिया कि धार्मिक स्थलों और आयोजनों में लाउडस्पीकर की आवाज को इतना ही रखा जाए कि वो परिसर के बाहर न जाए. इससे किसी को कोई परेशानी भी नहीं होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि किसी भी नए स्थल पर माइक व लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत न दी जाए. इस बीच गोरखनाथ मंदिर में बजने वाले लाउडस्पीकर की आवाज को भी कम कर दिया गया है. ऐसे में अब इन लाउडस्पीकरों पर गूंजने वाली मंत्रोच्चार की ध्वनि केवल मंदिर परिसर में ही सुनी जा सकेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यह आदेश जारी दिया था. उन्होंने कहा था कि सभी धर्म के लोगों को अपनी धार्मिक विचारधारा के अनुसार उपासना पद्धति को मानने की स्वतंत्रता है. इसके लिए माइक और साउंड सिस्टम का इस्तेमाल करें, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इस प्रकार की आवाज धार्मिक परिसर के बाहर न जाए. उन्होंने ट्वीट भी किया था कि कोई भी शोभायात्रा और धार्मिक जुलूस बगैर अनुमति के नहीं निकाले जाए. साथ ही आयाजकों से शांति और सौहार्द बनाए रखने को शपथ पत्र लिया जाए. इसके साथ ही नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए.
गोरखनाथ मंदिर प्रशासन ने सीएम के आदेश के बाद मंदिर में मंत्रोच्चार का प्रसारण करने वाले लाउडस्पीकर की आवाज को सीमित कर दिया है. इसकी वजह भी साफ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर यानी गोरक्षपीठ के महंत हैं. नाथ पंथ की सबसे बड़ी पीठ होने के नाते वे इस पंथ के अगुआ भी हैं. यही वजह है कि गोरखनाथ मंदिर प्रशासन ने उनके आदेश के बाद लाउडस्पीकर की आवाज को सीमित यानी कम कर एक संदेश देने का प्रयास किया है. जिससे तमाम तरह के विवाद और विरोध को छोड़कर लोग इसका अनुसरण करें और खुद भी आगे आएं. जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की नौबत ही न आने पाए.