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गोरखपुर: पिपराइच में सर्वप्रथम हुई थी दुर्गा प्रतिमा की स्थापना

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पिपराइच के कृष्णा चौक में सर्वप्रथम श्री विंध्यावासिनी सेवा समिति द्वारा दुर्गा प्रतिमा की स्थापना हुई थी. वहीं कुछ स्थानीय लोग बताते हैं कि दुर्गा प्रतिमा की स्थापना रेलवे स्टेशन पर तैनात एक कर्मचारी करीब 60 से 65 साल पहले रेलवे आवास पर व्यक्तिगत तौर पर हर वर्ष करता था.

पिपराइच में सर्वप्रथम हुई थी दुर्गा प्रतिमा की स्थापना.

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Published : Oct 9, 2019, 8:06 AM IST

गोरखपुर: शारदीय नवरात्र में दुर्गा पूजा का त्योहार अपने अंतिम पड़ाव के निकट है. भक्ति गानों की धुन से चारों तरफ की फिजा गुंजयमान है. इसी क्रम में जिले के जनपद पिपराइच कस्बे के दुर्गा पंडाल में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित है. यहां पर सर्वप्रथम मां विंध्यावासिनी समिति द्वारा 40 वर्ष पहले दुर्गा प्रतिमा रखी गई थी. आज भी यहां के लोग अपनी परंम्परा को आगे बढ़ाने के लिए मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं.

पिपराइच में सर्वप्रथम हुई थी दुर्गा प्रतिमा की स्थापना.

सर्वप्रथम यहीं स्थापित हुई थी प्रतिमा
जनपद के उपनगर पिपराइच के कृष्णा चौक में सर्वप्रथम श्री विंध्यावासिनी सेवा समिति द्वारा दुर्गा प्रतिमा की स्थापना हुई थी, वहीं कुछ स्थानीय लोग बताते हैं कि दुर्गा प्रतिमा की स्थापना रेलवे स्टेशन पर तैनात एक कर्मचारी करीब 60 से 65 साल पहले रेलवे आवास पर व्यक्तिगत तौर पर हर वर्ष करता था. वही विंध्यवासिनी सेवा समिति के सदस्यों की माने तो 35-40 वर्ष पहले इसी समिति द्वारा पिपराइच में पहली बार दुर्गा प्रतिमा की स्थापना की गई थी.

जानिए समिति के सदस्य ने क्या बताया
समिति के सदस्य नीरज कुमार कश्यप ने बताया कि हमने अपने पूर्वजों से सुना है कि 35 से 40 वर्ष से यहां पर मूर्ति की स्थापना हो रही है. सर्वप्रथम यहीं पर मूर्ति की स्थापना शुरू हुई थी. पहले पूरे पिपराइच में मूर्ति कहीं स्थापित नहीं होती थी. यहीं से इसकी शुरुआत हुई है. हम लोग माता की प्रतिमा इस लिए रखते हैं कि हमें उन पर विश्वास है. हमारी मनोकामना भी पूरी होती है. समिति के सदस्य ने बताया कि हम लोगों के पूर्वज बताते हैं कि जो लोग भी माता रानी के दरबार में आते हैं और जो मन्नत मांगते हैं वो पूर्ण होती है.

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