गोरखपुरः महंगी और कठिन श्रम से जुड़ती जा रही भारतीय कृषि को आसान बनाने के लिए अब ड्रोन के महत्व को बढ़ावा दिया जा रहा है. गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय (MMMUT) के छात्रों ने कृषि आधारित ड्रोन विकसित किया है. जिसकी तकनीकी क्षमता को विज्ञान प्रदर्शनी में गुणवत्ता के साथ महत्त्व मिलने के बाद अब नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) भी विश्वविद्यालय से करार करके कृषि में इसके उपयोग को आगे बढ़ाएगा. नाबार्ड इसके लिए खुद 100 प्रशिक्षणार्थियों का खर्च उठाने जा रहा है. जिससे कृषि क्षेत्र को बड़ा लाभ होगा. पिछले दिनों आयोजित हुए रोजगार मेले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस तकनीक की जमकर सराहना की थी.
जानकारी के अनुसार मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किया गया यह एग्रीकल्चर मॉनिटरिंग सिस्टम खेती के लिए बेहद उपयोगी हैं. यही वजह है कि नाबार्ड ने कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर ड्रोन पायलट और ड्रोन टेक्नीशियन तैयार करने की विश्वविद्यालय से इच्छा जताई है. जिसके आधार पर योजना बनाकर युवाओं को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दी जाएगी. बीते वर्ष विश्वविद्यालय ने इस तकनीक पर काम किया और ड्रोन आधारित एग्रीकल्चर मॉनीटरिंग सिस्टम को तैयार करने में जब सफलता हासिल की तो उसमें एक कठिनाई इसे किसानों तक आसानी से पहुंचाने की नजर आई. जिसको लेकर विश्वविद्यालय प्रयास कर रहा था.
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