गोरखपुर: भारतीय रेलवे के बढ़ते कदम का असर अगले साल पूर्वांचल में भी दिखेगा. इसके बाद रेलमार्ग से कटे हुए महत्वपूर्ण क्षेत्र दोहरीघाट और घोसी भी जुड़ जाएंगे. आजादी के बाद से ही इस क्षेत्र को रेल परिवहन से जोड़ने की खूब कोशिश हुई, लेकिन बीजेपी सरकार यह संभव हो सका है. राजनीतिक रूप से कई बड़ी हस्तियों ने यहां से देश और प्रदेश में अपनी पहुंच बनाई, लेकिन रेल मार्ग का तोहफा कोई नहीं दे सका. दिसंबर 2022 तक दोहरीघाट-इंदारा की 35 किलोमीटर रेल लाइन का काम पूरे होने उम्मीद है.
जानकारी के मुताबिक लाइन बिछाने और विद्युतीकरण करने के बीच कुल 6 स्टेशन और 12 सब वे बनाए जाएंगे. दोहरीघाट से इंदारा होते हुए वाराणसी, प्रयागराज, मुंबई के लिए यह रेल मार्ग तैयार होगा. इस पर करीब 110 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन आसानी से दौड़ सकेंगी. इस रेलमार्ग के बनने पर गोरखपुर से दक्षिण दिशा के लोगों की रेल यात्रा संभव हो जाएगी. जहां से लोग अभी भी बसों और चार पहिया वाहनों से सुदूर क्षेत्रों को जाने के लिए मजबूर होते हैं.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह की मानें तो इंदारा-दोहरीघाट के आमान परिवर्तन का कार्य अंतिम दौर में है. इसके पूर्ण होने पर क्षेत्र के लोगों को बड़ी लाइन के माध्यम से देश के विभिन्न नगरों के लिए कनेक्टिविटी मिलेगी. साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. गोरखपुर के दक्षिणांचल स्थित गोला और बड़हलगंज क्षेत्र के यात्रियों को करीब 60 किलोमीटर चलकर गोरखपुर आकर ट्रेन नहीं पकड़ना पड़ेगा. वो दोहरीघाट से ही ट्रेन पकड़ सकेंगे.