गोरखपुरःबेसिक शिक्षा में हो रहे आमूलचूल बदलाव को देखते हुए जिलाधिकारी ने माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है. कई समितियों का गठन करके डीएम ने विभिन्न स्कूलों में जांच करने के लिए भेजा है. उन्होंने शिक्षकों की गैरमौजूदगी, छात्रों की अनुपस्थिति और शिक्षा व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालन करने में मिल रही कमियों पर विद्यालय प्रबंधन को कड़ा संदेश दिया है.
डीएम ने सभी सरकारी और एडेड विद्यालयों को साफ तौर पर कहा कि व्यवस्था में तेजी के साथ सुधार करें या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि जरूरी संसाधन और आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए विभागीय समन्वय भी बनाया जाएगा, लेकिन उसके पहले स्कूल अपने सिस्टम में सुधार कर लें.
दरअसल, बेसिक शिक्षा में शासन की पहल पर सुधार हुआ है. स्कूल खोलने से लेकर बच्चों के एडमिशन, शिक्षकों की उपस्थिति का बायोमेट्रिक प्लान, शिक्षकों के अवकाश लेने के लिए मानव संपदा एप जैसे कई कदमों से यहां की शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आती दिखाई दे रही है. लेकिन माध्यमिक शिक्षा के ऐसे स्कूल जो पूरी तरह से सरकारी हैं या सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं, उनमें अच्छी गुणवत्ता को आगे बढ़ाने की पहल होती दिखाई नहीं दे रही. छात्रों का नामांकन भी बहुत कम है और जिनका नामांकन है वह पढ़ने नहीं आते. संख्या के अनुरूप स्कूलों में शिक्षक भी पढ़ाने नहीं आते. ऐसी खबरों को संज्ञान में लेने के बाद जिलाधिकारी ने जब यह कदम उठाया है तो जिले के करीब 200 से ज्यादा विद्यालयों में इस समय हड़कंप मचा हुआ है. पढ़ेंः बेसिक शिक्षा विभाग: सरकार पर भारी निजी स्कूल संचालक, 60 प्रतिशत बच्चों को नहीं दिया फ्री सीट पर दाखिला
डीएम ने कहा कि यह अभियान रुकने वाला नहीं है. शासन की मंशा शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और उसमें सुधार की है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जिले की जो टीम विद्यालयों का निरीक्षण कर रही है वह स्कूलों के जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की रिपोर्ट भी उनको देगी. जिसके आधार पर इन विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जो भी उपाय संभव होंगे वह किए जाएंगे. लेकिन प्राथमिकता है कि शिक्षक स्कूलों में आएं. उन्हें जिसके लिए जितना वेतन मिल रहा है उसके अनुरूप आचरण और कार्य करें.
उन्होंने कहा कि शिक्षक खुद को एक बड़े रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें, जिसकी चर्चा गोरखपुर से लेकर राजधानी लखनऊ और देश तक जाए. ईटीवी भारत भी ऐसे कई स्कूलों का भ्रमण किया, जहां जिलाधिकारी की टीम निरीक्षण कर चुकी है. वहीं, दयानंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने डीएम की टीम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी कमियां है उसके लिए शिक्षा विभाग से मांग की गई है. छात्रों की संख्या जुलाई माह तक बढ़ेगी इसके लिए प्रयास किया जाएगा.
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