गोरखपुरः विज्ञापन को लेकर गोरखपुर नगर निगम और यातायात पुलिस में विवाद छिड़ गया है. दरअसल एसपी ट्रैफिक ने शहर के विभिन्न चौराहों पर यातायात पुलिस के जवानों को बैठने और ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी के लिए जगह-जगह बूथ की स्थापना की है. इन सभी बूथों पर कई निजी कंपनियों और चिकित्सकों के विज्ञापन धड़ल्ले से प्रसारित किए जा रहे हैं. इसको नगर निगम ने नियम के विरुद्ध माना है.
विज्ञापन को लेकर नगर निगम और यातायात पुलिस में विवाद. नगर निगम ने ऐसे सभी पुलिस के यातायात बूथों से प्रचार सामग्रियों को हटाने के साथ ही यातायात पुलिस को नोटिस भेजा है. वहीं यातायात पुलिस ने भी निगम को नोटिस भेजकर उसके सामने मुश्किल खड़ी कर दी है. मेयर सीताराम जायसवाल ने कहा कि यातायात पुलिस की इस मनमानी के खिलाफ निगम बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में प्रस्ताव पास किया गया है. साथ ही चौराहों से बूथों को हटाने के साथ ही विज्ञापन को भी तत्काल हटाने का निर्णय लिया है.
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उन्होंने कहा कि विज्ञापन होर्डिंग हटाने का काम जारी रहेगा. यह किसी भी हाल में नहीं रुकेगा. मेयर ने कहा कि यातायात पुलिस की निगम को नोटिस मिली है. उसमें उन्होंने निगम की गाड़ियों के पंजीकरण का हवाला दिया है. मेयर सीताराम ने कहा कि नगर निगम की सभी गाड़ियां आरटीओ में पंजीकृत हैं. जिन गाड़ियों के नंबर प्लेट डैमेज हैं. उनको ठीक करा दिया जाएगा, लेकिन नगर निगम की जगह का उपयोग करके नियम के विरुद्ध स्थापित यातायात पुलिस बूथ को हर हाल में हटाया जाएगा.
वहीं इस संदर्भ में एसपी यातायात आदित्य वर्मा ने कुछ भी बोलने से इनकार किया है. हालांकि, उन्होंने इस बात का संकेत दिया कि उनकी भी कार्रवाई का नगर निगम को बहुत जल्द पता चलेगा. विज्ञापन देने वाली कंपनियों के सहयोग से यातायात पुलिस को बूथ मिले हैं, जो जनता की सुविधा के लिए ही स्थापित किए गए हैं.