गोरखपुर:फैजाबाद खंड शिक्षक विधान परिषद सदस्य के चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है. इसके प्रत्याशियों ने चुनावी सफलता के लिए पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है. शिक्षक मतदाताओं के सहारे उच्च सदन में पहुंचने की ख्वाहिश रखने के लिए इस क्षेत्र से करीब 16 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन सबसे प्रमुख चेहरा वर्तमान एमएलसी और पिछले दो चुनावों से लगातार जीतते चले आ रहे ध्रुव कुमार त्रिपाठी का है. यह शिक्षक संघ के शर्मा गुट के प्रत्याशी हैं. शिक्षक महासभा ने भी इन्हें अपना समर्थन दे रखा है.
जानकारी देते ध्रुव कुमार त्रिपाठी ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि शिक्षक हितों की लड़ाई शर्मा गुट सदन से लेकर सड़क लड़ता है. शिक्षकों की मांग को पूरी करने के लिए सरकार पर दबाव बनाता है. यही वजह है कि शर्मा गुट के प्रत्याशी पर शिक्षक मतदाता पिछले चार चुनावों से भरोसा जताते चले आ रहे हैं. ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि इस बार भी वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं.
पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करवाने में जुटा शर्मा गुट
ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित शिक्षकों को पेंशन दिलाना उनका लक्ष्य रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में कटघरे में खड़ी है, क्योंकि नई व्यवस्था के तहत कोई लेखा-जोखा नहीं मिल रहा है. ऐसे में योगी सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पूरी उदारता पूर्वक पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करे.
उन्होंने कहा कि हर तरह के शिक्षक साथियों के लिए संघर्ष किया है, चाहे वह वित्त विहीन शिक्षक हों या तदर्थ शिक्षक, जिन्हें विनियमित होना है. उन्होंने कहा कि पहली बार इस चुनाव में सीबीएसई, आईसीएससी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, आईटीआई के शिक्षक मतदाता बने हैं. इनकी भी चिंता उनके द्वारा की गई. कोरोना की महामारी में ऐसे शिक्षकों को जब वेतन का संकट आया,जो प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाते, तो ऐसे पचास लाख शिक्षकों के मदद की मांग उन्होंने सीएम और शिक्षा मंत्री से किया.
राजनीतिक दलों का इस चुनाव में प्रतिभाग अव्यवहारिक
शिक्षक संघ के चुनाव में राजनीतिक दलों के पहली बार प्रत्याशी उतारे जाने को ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने पूरी तरह से अव्यवहारिक बताया है. हालांकि उन्होंने कहा कि संविधान में सभी को चुनाव लड़ने की छूट है, लेकिन विधान परिषद के चुनाव में विभिन्न क्षेत्रों से सदस्य चुनकर आने थे. ऐसे में शिक्षक संघ के चुनाव में दलीय प्रवेश ठीक नहीं.
उन्होंने इस चुनाव में एक प्रत्याशी को निशाने पर लेते हुए कहा कि बीजेपी न तो किसी को यह चुनाव लड़ा रही है और न ही किसी को समर्थन दी है. ऐसे में कोई खुद को बीजेपी का बताकर वोट मांग रहा है तो यह उसकी भूल है. यह शिक्षक मतदाताओं का चुनाव है जो पढ़ा लिखा और समझदार है. उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षकों का भी मानदेय उनके प्रयास से भुगतान हुआ है. विश्वविद्यालय के शिक्षकों को चार इंक्रीमेंट दिए जाने की मांग उन्होंने कुलपति से किया है, जो जरूर पूरा होगा. विधान परिषद के इस चुनाव में वोटिंग 1 दिसम्बर को होगी, जिसमें 40 हजार से अधिक शिक्षक मतदाता वोट डालेंगे. मतगणना 3 दिसम्बर को और परिणाम भी इसी दिन आएगा.