गोरखपुरःजिले का टेराकोटा और औरंगाबाद विश्व पटल पर विख्यात है. योगी सरकार ने टेराकोटा को 'एक जिला, एक उत्पाद' में शामिल किया है. उनके पुश्तैनी कला को गति देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है. शिल्पियों को जब योजनाओं का लाभ मिलने लगा, तो उनकी नक्काशी और भी निखरने लगी. यह कला आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है. जिले के आलाधिकारियों का वहां दौरा होना तो आम बात थी, लेकिन उसकी आकर्षण पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण सुजानवीर सिंह को वहां खींच ले गई.
डीजी ट्रेनिंग ने हस्त शिल्पियों की कुम्हारी कला देखी. बता दें कि श्रीमती किरन यादव प्रधानाचार्य पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण केंद्र गोरखपुर एवं महेंद्र सिंह यादव एसपी ट्रेनिंग के साथ टेराकोटा औरंगाबाद पहुंचे. वहां के दस्तकारों द्वारा बनाये गए रंग-बिरंगे कलाकृतियों को देखकर कारीगरों की खूब प्रशंसा की.
आलाधिकारियों ने हस्तशिल्पियों की देखी अद्भुत कलाकारी
दूसरे आलाधिकारियों का काफिला टेराकोटा के वर्कशॉप पहुंचा. हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार की गयी कलाकृतियां देख कर उकनी अद्भुत कलाकारी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे थे. अधिकारियों ने शिल्पकारों द्वारा निर्मित एक से बढ़कर एक विभिन्न टेराकोटा के वस्तुओं को देख उनके बारे में जानकारी हासिल की.
हस्तशिल्पियों ने पुश्तैनी कला की बारीकियों को बताया
हस्तशिल्पी लक्ष्मी चंद प्रजापति एवं गुलाब चंद प्रजापति ने अपनी पुश्तैनी कला की बारीकियों को विस्तार से बताया. अधिकारियों ने मिट्टी की उपलब्धता के साथ टेराकोटा के कच्चे सामानों को पकाने के तरीके की जानकारी हासिल की. इस दौरान उन्होंने पूछा कि बच्चे भी इस काम को कैसे करते हैं. शिल्पियों ने बताया कि उनको देखते-देखते बच्चे खुद सीख लेते हैं.