गोरखपुर: साल 2020 गोरखपुर के लिए भी खट्टी-मीठी यादों के साथ कोरोना की महामारी से निपटने और विकास की योजनाओं को रफ्तार देने का रहा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर होने से गोरखपुर कई तरह से चर्चा और लोगों के निशाने पर भी रहा. इस वर्ष कोरोना से निपटने के लिए जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने पर जहां पूरा जोर रहा, वहीं अनलॉक सीजन के दौरान ठप पड़ी विकास योजनाओं को गति देने और समय से उसे पूर्ण कर ले जाने का दबाव भी जिला प्रशासन पर बना रहा. जिन विकास योजनाओं को 2020 तक पूर्ण हो जाना चाहिए था, उन्हें अब हर हालत में इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लेना है. ऐसा निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है, जिस पर काम भी बहुत तेजी से चल रहा है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान जिलाधिकारी के. विजेंद्र पांडियन ने कहा कि करीब 25 हजार लोग जिले में कोरोना से संक्रमित हुए, जिनमें 300 लोगों को न बचा पाने का उन्हें दुख है. उन्होंने कहा कि यह मौका आपदा को अवसर में भी बदलने का रहा. करीब 500 बेड का सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल भी इस दौरान कोरोना पेशेंट के लिए तैयार हुआ. टीबी अस्पताल, रेलवे, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के साथ कुछ निजी अस्पतालों के सहयोग से इस पर काफी हद तक काबू पाया गया. उन्होंने कहा कि अब जिले में व्यवस्था इस स्तर की तैयार हो गई कि किसी भी संकट से सफलतापूर्वक निपटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन इसके साथ विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाना एक बड़ा चैलेंज था. उन्होंने कहा कि साल 2020 में एम्स, फर्टिलाइजर, चिड़ियाघर, वाटर स्पोर्ट्स, प्रेक्षागृह और रामगढ़ ताल की परियोजना को समय से पूर्ण करना एक चैलेंज था, जिसे अब पूरी तेजी के साथ पूर्ण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह हर हाल में पूर्ण होकर गोरखपुर के विकास की कड़ी बनेंगी.
2021 में गोरखपुर में शुरू होंगे यह प्रोजेक्ट
गोरखपुर के स्थानीय लोगों ने भी साल 2020 को याद करते हुए कहा निश्चित रूप से यह वर्ष काफी संकट और संघर्ष भरा रहा है. फिर भी गोरखपुर कई मामलों में अपनी विशेष पहचान बनाता जा रहा है. लोगों ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने से शहर का लगातार विकास हो रहा है. लोगों ने कहा कि कोरोना संकट के समय में हर किसी ने संयम और सहयोग का परिचय दिया, जिसके बल पर गोरखपुर अपनी पहचान कायम करने में सफल रहा. यहां एम्स और चिड़ियाघर बने, रामगढ़ ताल पर तो शूटिंग शुरू हो गई है.
1-कौड़िया जंगल से सोनौली तक फोरलेन का निर्माण
2-कौवाबाग से बरगदवा तक फोरलेन का निर्माण
3-मलमालिया में आयुष विश्वविद्यालय की रखी जायेगी नींव
4-एम्स में 750 बेड का अस्पताल जनता के लिए खुल जायेगा
5-गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन का निर्माण पूरा होने के साथ शुरू होगा आवागमन
6-गुरु गोरखनाथ शोध पीठ का लोकार्पण
7-गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में टेक्सटाइल पार्क की होगी स्थापना
8-पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के गोरखपुर हिस्से का निर्माण पूरा होने के साथ इसके दोनों तरफ औद्योगिक गलियारे के निर्माण पर होगा फोकस
2021 में ऐसे तमाम प्रोजेक्ट अभी और आने की उम्मीद है क्योंकि यह सीएम सिटी है और विधान सभा चुनाव 2022 में होने हैं. कोरोना संक्रमण के दौर में भी सीएम सिटी में विकास की रफ्तार धीमी जरूर हुई, लेकिन रुकी नहीं. पिछले सालों में गोरखपुर लगातार विकास के पायदान चढ़ता रहा.